विपिन रावत का निधन देश की अभूतपूर्व क्षति
नई दिल्ली : बुधवार शाम देश के प्रथम चीफ डिफेंस स्टाफ( सी डी एस) जनरल विपिन रावत के शहादत की खबर से देश में दुख की लहर दौड़ गयी । वायुसेना के एमआई 17वी5 विमान में अपने पत्नी मधुलिका के साथ तमिलनाडु के सुलूर से ऊंटी के वेलिंगटन जा रहे थे ।

विमान में 12 अन्य सेना के अधिकारी मौजूद थे । तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में कुन्नूर के पास पश्चिमी घाट में मौसम खराब होने के कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया । ग्रुप कैप्टन करुण सिंह को छोड़कर सभी लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी ।
विमान में सीडीएस विपिन रावत उनकी पत्नी मधूलिका ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर , लेफ्टिनेंट कर्नल हरिजिन्दर सिंह , नायक गुरसेवक सिंह , जितेंद्र कुमार,लांस नायक विवेक कुमार , बी साई तेजा , हवलदार सतपाल सवार थे । विंग कमांडर पृथ्वीराज चौहान हेलीकॉप्टर उड़ा रहा था । केवल डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेज के ग्रुप कैप्टन करुण सिंह जीवित बच सके है ।
विपिन रावत के जीवनकाल में नहीं बन पाया थियेटर कमाल
जनरल विपिन रावत ने 1 जनवरी 2020 में भारत के पहले चीफ डिफेंस स्टाफ ( सीडीएस ) का पद संभलते ही चार इंटीग्रेटेड थियटर कमान के गठन का काम शुरू कर दिया था। वह अपने तीन साल के कार्यकाल में इस कार्य को पूरा करना चाहते थे ।
उनकी पूरी कोशिश थी कि इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक थियेटर गठन की घोषणा कर दे । लेकिन तकनीकी कारणों से ऐसा संभव नहीं हो सका ।
जनरल रावत ने पिछले महीने ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ इंटीग्रेटेड थियटर कमान पर आखिरी उच्चस्तरीय बैठक की थी ।
उन्होंने ने पाकिस्तान और चीन से बढ़ते खतरों के मद्देनजर इंटीग्रेटेड थियटर कमान पर सरकार को विस्तृत ज्ञापन दिया था । सरकार भी उन्हें पूरा सहयोग कर रहीं थी । रावत के साथी अधिकारियों ने बताया कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 63 वर्ष की आयु में भी ओवरटाइम काम करते थे ।
यह फैसला लिया जा चुका था कि युद्ध के समय जल ,थल एवं वायु सेना से मिलकर बनी इंटीग्रेटेड थियटर कमान सीधे सीडीएस के अंतर्गत कार्य करेंगी ।
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