सिलसिलेवार धमाकों से सहम गया था पटना शहर
सोमवार को एनआईए कोर्ट ने पटना में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी हैदर अली समेत सभी 9 आरोपियों पर अपना फैसला सुना दिया है। 27 अक्टूबर 2013 में पटना शहर में विस्फोट हुआ था जिसमें 6लोगों की मौत और 100 से अधिक घायल हुए थे।

आपको बता दें कि इस मामले में कुल 11 लोग आरोपी थें जिनमें से एक आरोपी नाबालिग था जिसे पहले ही सजा मिल गई है वहीं एक अन्य आरोपी फखरुद्दीन अहमद को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। कुल 9 आरोपीयों में से 4 को फांसी,2को उम्रकैद,2को 10 साल और 1को 7सालक सजा मुकर्रर हुई है।
कोर्ट ने कहा-रेयर ऑफ द रेयरेस्ट
27 अक्टूबर 2013 को भाजपा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के लिए पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला ब्लास्ट हुआ। इसके बाद गांधी मैदान और उसके आस-पास छह स्थानों पर सिलसिलेवार तरीके से धमाका हुआ। रैली में उमड़ी भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई।
एनआईए ने 2014 में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई। एनआईए के विशेष न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने इम्तियाज अंसारी,हैदर अली,नुमान अंसारी और मोजीबुल्लाह अंसारी को फांसी तथा ज्ञान अंसारी पर 80 हजार एवं हैदर और नुमान पर 90 हजार का जुर्माना भी लगाया। वहीं उमेर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन को राशि को आजीवन कारावास तथा ₹60हजार,अहमद हुसैन और फिरोज आलम को 10 साल की सजा के साथ ₹10 हजार का जुर्माना तथा इफ्तेखार आलम को 7 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटना पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। इन्हें तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक इनकी मौत नहीं हो जाती।
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