जब तक जान है तब तक अपने भगवान को नहीं छोडूंगा ; पुजारी राजेश कुमार
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद जब अफगान के नागरिक भी वहां से भागना चाहते हैं ऐसे एक भारतीय पुजारी ने अपने मंदिर को छोड़कर भागने से इनकार कर दिया है । काबुल के रतन नाथ मंदिर के एक पुजारी राजेश कुमार ने कहा कि वह भगवान को छोड़ने की बजाय तालिबान के हाथों मरना पसन्द करेंगे ।
पंडित राजेश कुमार की बात टि्वटर हैंडल में सांझा की उन्होंने भारत आने के लिए बहुत सारे हिंदुओं की तरफ से मदद देने का प्रस्ताव दिए जाने की बात कहीं । साथ ही कहा मैं पुरखों के इस मंदिर को नहीं छोडूंगा जहां मेरे बुजुर्गों ने सैकड़ों सालों तक भगवान की सेवा की है । उन्हें कहा मैं मंदिर नहीं छोडूंगा यदि तालिबान मुझे मार देता है तो मैं इसे मेरी भगवान के लिए सेवा ही समझूंगा ।
आपको बता दे कि अफगनिस्तान में तालिबान ने कब्जा कर वहाँ फिर से अपनी हुकमत स्थापित कर ली है । हालांकि तालिबानियों का कहना है कि वो पिछली बार की तरह कट्टरता से शासन नहीं चलाएगे।
उनकी आंतरिक या बाहरी किसी से दुश्मनी नहीं होगी । उन्होंने सभी को माफ कर दिया है । सभी लोग यहाँ सुुरक्षा की गारेेंटी है । महिलाओं को भी अधिकार दिए जायेेगेेे। महिलाएं इस्लाम की दहलीज में रहकर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर सकेंगे । महिलाएं समाज में सक्रिय रहेगी ।
लेकिन तालिबान के बातों का भरोसा करना किसी के लिए भी आसान नहींं है ।