देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है । अपनोंं की मौत ने सभी के मन मेंं एक ख़ौफ़ का माहोल बना दिया है ।लोग कोरोना से बचने के लिए तरह तरह के उपाय कर रहे हैंं । नेट से देख कर ,दोस्तों की सलाह पर , हर पीर फकीर की बातों पर भरोसा कर रहे हैंं । और तो और बिना डॉक्टर या एक्सपर्ट के सलाह के सीटी स्कैन तक कर ले रहे है, जो उनके स्वास्थ्य के साथ बहुत बड़ा खेलवाड़ है । ऐसा करके लोग कोरोना से लड़ने की इम्युनिटी तो खो ही रहे है साथ ही साथ कैंसर जैसी बडी़ बीमारियों को भी आमंत्रण दे रहे हैंं ।
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया की मानें तो 1 सीटी स्कैन 300 से 400 एक्स-रे (X-Ray) के बराबर होता है. इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के सीटी स्कैन करवाने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है (Cancer risk increases). दरअसल सीटी स्कैन के दौरान काफी रेडिएशन (Radiation) निकलती है जिसका शरीर पर बुरा असर पड़ता है । डॉक्टर गम्भीर कोरोना मरीजों का सिटी स्कैन इस लिए करते है ताकि फेफड़े को वायरस ने किस हद नुकसान पहुँँचाया है ये पता लगाया जा सके । किन्तु ऐसे मरीज जिन्हें डॉक्टर या एक्सपर्ट ने सीटी स्कैन की सलाह नहींं दी है उन मरीजों को इसकी कोई जरूरत नहींं है क्योंकि अभी उनके फेफड़ तक इंफैक्शन पहुँचा ही नहींं है। यदि फिर भी वो ऐसा करते हैं तो उन्हें कैंसर या अन्य किसी गंभीर बीमारी का खतरा अधिक है ।
अगर ऐसे हल्के संक्रमित व्यक्ति भी जा के सीटी स्कैन करते हैंं तो उससे केवल उनका स्वास्थ्य बिगड़ेगा उनकी आर्थिक स्थिति खराब होगी ।और साथ ही जरूरतमंद मरीजों को बेड मिलने में समस्या होगी ।समय पर इलाज न मिल पाने के कारण उनकी जान भी जा सकती हैं जो कि हो रहा है ।
तो सावधान रहें , सतर्क रहें ,खुद भी बचे दुसरोंं को भी बचाये । इस संकट की घड़ी अपनी जिम्मेदारी को समझे ।
