पंचायत चुनाव में मिली bjp को करारी हार;

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले आए हैं. इन नतीजों पर लग रहा है कि किसान आंदोलन की छाया गहरी पड़ी है. जानकारी के मुताबिक जिला पंचायत सदस्य के सभी 3050 पदों के नतीजे घोषित कर दिये गए हैं, जिसमें भाजपा को बड़ा नुकसान होता हुआ दिख रहा है. पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों के लिए हुए 3050 पदों पर चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने अधिकृत उम्मीदवार उतारे थे और यही पंचायत चुनाव में पार्टियों की जीत-हार का पैमाना भी साबित हुआ हैमिली जानकारी के मुताबिक इस बार किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है, लेकिन अभी तक जुटाए आंकड़ों के मुताबिक समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवारों को अकेले 747 सीटों पर जीत मिली है. जबकि बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को 690 सीटें मिली हैं. बीएसपी को 381 सीटों पर जीत हासिल हुई है. कांग्रेस 76 सीटें जीतने में कामयाब रही. इस बार के चुनाव में निर्दलियों ने अपना परचम लहराया है और इसबार निर्दलीय और अन्य को 1156 सीटें मिली हैं. इसके साथ ही अब गांव में सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो जाएगी.


गांव की सरकार बनाने के चुनाव को विधानसभा 2022 के सेमीफाइनल के रूप में भी देखा जा रहा है. भाजपा को इस बार के चुनाव में मुख्य सीटों में शामिल अयोध्या के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी और भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में भी हार का सामना करना पड़ा है. इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र और राजधानी लखनऊ के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में भी मुंह की खानी पड़ी है. इन सीटों पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ ही निर्दलीयों ने जीत हासिल की है.उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले आए हैं. इन नतीजों पर लग रहा है कि किसान आंदोलन की छाया गहरी पड़ी है. जानकारी के मुताबिक जिला पंचायत सदस्य के सभी 3050 पदों के नतीजे घोषित कर दिये गए हैं, जिसमें भाजपा को बड़ा नुकसान होता हुआ दिख रहा है. पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों के लिए हुए 3050 पदों पर चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने अधिकृत उम्मीदवार उतारे थे और यही पंचायत चुनाव में पार्टियों की जीत-हार का पैमाना भी साबित हुआ हैमिली जानकारी के मुताबिक इस बार किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है, लेकिन अभी तक जुटाए आंकड़ों के मुताबिक समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवारों को अकेले 747 सीटों पर जीत मिली है. जबकि बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को 690 सीटें मिली हैं. बीएसपी को 381 सीटों पर जीत हासिल हुई है. कांग्रेस 76 सीटें जीतने में कामयाब रही. इस बार के चुनाव में निर्दलियों ने अपना परचम लहराया है और इसबार निर्दलीय और अन्य को 1156 सीटें मिली हैं. इसके साथ ही अब गांव में सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो जाएगी. गांव की सरकार बनाने के चुनाव को विधानसभा 2022 के सेमीफाइनल के रूप में भी देखा जा रहा है. भाजपा को इस बार के चुनाव में मुख्य सीटों में शामिल अयोध्या के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के क्षेत्र वाराणसी और भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में भी हार का सामना करना पड़ा है. इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र और राजधानी लखनऊ के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि गोरखपुर में भी मुंह की खानी पड़ी है. इन सीटों पर समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी के साथ ही निर्दलीयों ने जीत हासिल की है।

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