हिंदी पत्रकारिता की भाषा का गिरता स्तर चिंता का विषय : प्रो पुष्पेंद्र सिंह

हिंदी पत्रकारिता की प्रवृत्तियाँ ; अतीत से वर्तमान तक

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हिंदी पत्रकारिता दिवस पर महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ में आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के प्रथम सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि बोलते हुए मध्य प्रदेश माध्यम के प्रधान संपादक प्रो पुष्पेंद्र पाल सिंह ने हिंन्दी पत्रकारिता की प्रवृत्ति पर विस्तृत चर्चा के दौरान कहा कि पहले समाचार पत्र भाषा की शिक्षा देते थे किंतु आज पत्रकारिता की भाषा का कार्य केवल लोगों तक सूचना पँहुचना रह गया है । पत्रकारिता की भाषा हिंसात्मक हो चुकी है ।अश्लीलता , आरोप -प्रत्यारोप , अनावश्यक अंग्रेजी शब्द का प्रयोग पत्रकारिता की भाषा का मुख्य अंग बन चुके है । इस विषय पर आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता पूर्णतः सूचनात्मक हो गयी है मनोरंजन इसका मुख्य लक्ष्य बन चुका है ।

वेविनार में आगे मखानलाल चतुर्वेदी वि वि के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभागाध्यक्ष प्रो श्रीकांत सिंह इसे विषय पर आपने विचार रखे । पत्रकारिता की भाषा के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता की भाषा में सुधार करने की आवश्यक है । आज पत्रकारिता में हिंग्लिश का बढ़ता प्रयोग हिंदी पत्रकारिता की भाषा के लिए खतरा है ।

साथ ही उन्होंने संपादकों के गिरते नैतिक मूल्यों की ओर भी वेविनार ध्यान केंद्रित किया । उन्होंने बताया कि प्रबंधन सम्पादक की प्रवृत्ति आ चुकी हैं जिसमें मालिक ही संपादक होता है और एक मालिक का लक्ष्य केवल व्यवसायिक लाभ हो सकता है ।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की पत्रकारिता “जो दिखता है वो बिकता है और जो बिकता है वही दिखता है” इन्ही आदर्शों पर चल रही है । साथ ही उन्होंने कोरोना कालीन पत्रकारिता की सराहना भी की ।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित पूर्व अध्यक्ष जनसंचार केंद्र राजस्थान वि वि तथा कम्युनिकेशन टुडे जयपुर के संपादक प्रो संजीव भनावत ने वर्तमान की हिंदी पत्रकारिता के सकारात्मक पक्ष को रखा । नागरिक पत्रकारिता के उत्थान में तकनीकी के महत्व को बताते हुए कहा की तकनीक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिये आज आम आदमी को बोलने का मौका दिया है। मालिक और विज्ञापनों का दबाव प्राचीन काल में भी था और आज भी है लेकिन साहसी पत्रकारों की आवाज ना तब कोई दबा पाया है ना अब दबा सकता हैं । उन्होंने बहुत से उदाहरण भी दिए साथ ही कोरोना काल की साहसी पत्रकारों की प्रशंसा भी की ।

वेविनार कि अध्यक्षता जननायक चंद्रशेखर वि वि के कुलपति प्रो योगेंद्र सिंह ने की । कायर्क्रम के संचालन का दायित्व आयोजक सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने निभाया । अतिथियों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन संगोष्ठी संयोजक डॉ विनोद सिंह द्वारा किया गया । दो दिवसीय इस वेविनार का विषय ” पत्रकारिता की प्रवृत्तियाँ ; अतीत से वर्तमान तक ” रहा । कार्यक्रम के दौरान डॉ अनूप कुमार शर्मा डॉ शिवजी सिंह डॉ नागेंद्र पाठक डॉ रमेश कुमार सिंह डॉ अजय कुमार सिंह डॉ विनय सिंह उपस्थित रहे।

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