उत्तर कोरिया में भुखमरी के हालात, कई गुना बढ़ी कीमते

उत्तर कोरिया में गहराया खाद्यान संकट

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Khabar 7.com

आए दिन परमाणु हथियारों से लैस मिसाइलों का परिक्षण कर दुनिया भर में सुर्खिया बटोरने वाला उत्तर कोरिया आज भारी खाद्यान संकट से लड़ रहा है। वहा के तानाशाह किम जोंग उन ने खुद देश में आये खाद्यान संकट पर बात की है, साथ ही वहा के खराब मौसम का भी जिक्र किया है। वहा पर खाद्यान संकट इतना गहरा है की खाने पीने की सभी चीजों के दाम आसमान छूने लगे है। हाल में आये रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयेंग में खाने पीने की जरूरी वास्तुओ की किमतो में रिकॉर्ड इजाफा देखने को मिला है। यहां एक दर्जन केले का दाम 45 डॉलर लगभग 3340 रूपये, एक पैकेट चाय लगभग 70 डॉलर 5200 रूपये और एक पैकेट कॉफी 100 डॉलर लगभग 7500 रूपये में मिल रहे है। यू

वही सयुक्त राष्ट्र की एजेंसी फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन (FAO) के अनुसार उत्तर कोरिया में करीब 8,60,000 टन खाद्य सामग्री की कमी है। और वहा पर लगभग दो महीने का राशन बचा है। यही कारण है की खाने की सामान्य चिजो के दाम भी कई गुना तक बढ़ा दिये गए है। हालाकि सरकार ने हर मुमकिन कोशिश करने का आश्वासन दिया है, ताकि वहा के जनता को भूख से मरने की नौबत न आए। यहां के किसानों को उर्वरक बनाने के लिए हर रोज 2 लीटर यूरिन का इस्तेमाल करने को कहा गया है।

क्या है भुखमरी का कारण

उत्तर कोरिया व्यापार के लिए दूसरे देशों से संबंध नही रखता बल्कि उत्तर कोरिया खाद्यान, उर्वरक, व ईंधन समेत कई छोटी-बड़ी चीजों के लिए चीन पर निर्भर है। 2020 में आये कोरोना महामारी के कारण कोरियाई शासक ने अपनी सीमाएं चीन के लिए बंद कर दी है। खेती किसानी की जानकारी देने वाली संस्था जियोग्लैम के रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में आये एक चक्रवाती तूफान हागुपीट ने भरी तबाही मचाई , अगस्त के महीने में वहा फसल तैयार हो जाती है। इस तूफान के कारण 40 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई। जियोग्लैम के मुताबिक देश में 1981 के बाद से 2020 में सबसे जादा बारिश और तूफान जैसी आपदाएं अगस्त से सितंबर के बीच आई है। कोरोना के कारण सिमाये तो पहले से ही बंद थी, ऊपर से मौसम की मार जिसके कारण खाद्यान संकट अधिक गहरा गया है।

चीन के आधिकारिक निर्यात आकडो के अनुसार बीते कुछ साल में वहा के आयात में भरी गिरावट देखने को मिला है। यहां पर आयात 2.5 अरब डॉलर से घटकर 500 मिलियन टन डॉलर पर आ गया है।

नब्बे के दशक में भी करना पड़ा था, भुखमरी का सामना

उत्तर कोरिया में पहले भी कई बार भुखमरी जैसे हालात देखने को मिले है। नबबेबके दशक में भी उत्तर कोरिया में चक्रवाती तूफान के कारण फसले बर्बाद हो गई थी, जिसके कारण देश को भयंकर भुखमरी का सामना करना पड़ा था। जिसमे लगभग 30 लाख लोगो ने भूख से अपनी जान गवाई थी। वही भूख से मरते लोगो ने कब्र खोदकर लाशो को खाने की खबर आई थी।

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विपरित मौसम इसके बाद भी उत्तर कोरिया का पीछा NHI छोड़ रही है। लगातार बारिश और तूफान के कारण फसलों का नस्ट होना स्वाभाविक है। यही कारण है की देश की बड़ी आबादी कुपोषण का शिकार है। यूनाइटेड नेशन्स की माने तो5 में से 2 युवा कुपोषण के कारण कई बीमारी से जूझ रहे है।

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