नहीं रहे रामायण के रावण (अरविंद त्रिपाठी)

अभी भी रावण के रूप में अरविंद का ही चेहरा याद आता है ।

रामानंद सागर की रामायण में रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिपाठी अब हमारे बीच नहीं रहे । कल रात हार्ट अटैक के कारण उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया । वो 82 साल के थे । इनका अंतिम संस्कार आज मुंबई में ही किया जाएगा ।

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अरविंद गुजरात के जाने माने थ्रेटर स्टार थे उन्होंने  अपने जीवन 300 से अधिक फिल्मों में काम किया है ।  उन्हें प्रसिद्धि रामानन्द सागर की 1987 में आयी रामायण से  मिली । उनकी भाव भंगिमा और अभिनव ने लोगों का मनमोह लिया । 


उनके संवाद करने का तरीका देख कर बिल्कुल असली रावण की छवि दिखती थी ।  अरविंद के बाद भी रावण के किरदार को बहुत से कलाकारों ने निभाया लेकिन वो अभिनय कभी देखने को नहीं मिला ।


1987 का दौर हो या लॉकडाउन का रामायण को एक समान ही लोकप्रियता मिली । हर पीढ़ी में एक समान ही रूप से सराहा । रावण के रूप में हर पीढ़ी आज भी अरविंद को ही देखती है ।


रावण के कुछ यादगार संवाद

  • रावण दण्ड भी उसी गर्व के साथ भोगेगा , जिस गर्व से उसने शक्तियों का भोग किया है ।
  • तीनों लोकों और तीनों कालों में रावण और राम का नाम एक साथ ही लिया जाएगा ।
  • वीर पुरूष एक बार जिस मार्ग पर पग बढ़ा देते हैं फिर इसे पीछे हटने की बात भी नहीं सोचते चाहे सामने मृत्यु ही क्यों न खड़ी हो ।
  • परम वीर रावण अमर रहेगा.. वैकुण्ठ में जो हमारे गौरव को कम नहीं कर सका वह पृथ्वी पर हमारे गौरव को कैसे कम करेगा । रावण का अमर पद अक्षय था अक्षय है और अक्षय रहेगा ।

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