आम बजट: किसी ने सराहा तो किसी ने नकारा
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को यूनियन बजट पेश किया गया । पिछली बार की तरह इस बार का बजट भी पेपरलेस रहा ,साथ ही डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने का भी जरिया बना।
आम बजट को सत्ता पक्ष ने सराहा, तो विपक्ष ने नकारा। मोदी जी ने इसे 25 साल का ब्लूप्रिंट कहा तो, विपक्ष ने इसे पूंजी पतियों का बजट कहा ।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक कहा । उन्होंने कहा सामान्य वर्ग ,नौजवानों ,व्यापारियों की उम्मीदों पर पानी फिरने वाला बजट है । गरीब, मध्यम वर्ग परेशान है। भाजपा को इसकी कोई चिंता नहीं। लोगों का जेब काटने वाला भाजपा का बजट आ गया है।
वही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आम बजट की सराहना करते हुए कहा, कि यह किसानों, युवाओं और महिलाओं का बजट है । यह देश के 25 साल की बुनियाद का बजट है। इस बजट में आत्मनिर्भर भारत का विजन दिखता है। कोरोना काल में शिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त करने का केंद्र सरकार ने पूरा ध्यान दिया है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि , यह आजादी के अमृत महोत्सव में क्रांतिकारी बजट पेश किया गया है ।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बजट को पूंजीवादी बजट बताया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के शब्दों में महारत हासिल कर ली है। उन्होंने कहा इस बजट को संसद पास कर देगी; क्योंकि सत्ता पक्ष के पास लोकसभा में भारी बहुमत है। लेकिन जनता इस पूंजीवादी बजट को अस्वीकार कर देगी। चिदंबरम ने चिंता जताते हुए कहा कि बजट में गरीबों के लिए एक भी शब्द नहीं बोला गया।
वही निर्मला सीतारमण के यूपी बयान पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा ;आपने यूपी के लिए बजट में कुछ नहीं डाला ठीक है ,लेकिन यहां के लोगों का अपमान करने की क्या जरूरत है? हमें यूपी का होने पर गर्व है। यूपी मेरा अभिमान है।
वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखने वाला बजट बताया। जिससे 130 करोड़ भारतवासियों को जिंदगी बेहतर होगी।