नाम गुम जाएगा ,चेहरा बदल जाएगा, मेरी आवाज ही मेरी पहचान है : स्वर कोकिला
नई दिल्ली : “ए मेरे वतन के लोगों जरा आंँख में भरलो पानी” अपनी मधुर आवाज से हिंदुस्तानियों की आंखों में पानी लाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से वसंत भी पतझड़ के समान प्रतीत हो रही है । संगीत की साम्राज्ञी कही जाने से वाली संगीतमय प्रकृति रसविहन हो चुकी है ।
50 हजार गीतों को अपने आवाज से जीवित करने वाली भारत रत्न लता मंगेशकर ने आज दुनिया से विदा ले लिया । 29 दिनों से कोरोना और निमोनिया से युद्ध करते हुए आज सुबह लगभग सवा आठ बजे 92 वर्ष की अवस्था में अपनी आखिरी सांस के साथ उन्होंने युद्ध विजय की घोषणा कर दी ।
स्वर की कोकिला का निःस्वर शरीर दोपहर करीब सवा एक बजे उनके घर प्रभु कुंज पहुँचा । अंतिम संस्कार शाम 6:30 बजे मुंबई के शिवाजी अश्मशान के पार्क में किया जाएगा ।
8 जनवरी को लता जी की रिपोर्ट कोरोना पोसिटिव आयी थी । तभी से उनका इलाज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था। पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत में सुधार देखा जा रहा था । वेंटिलेटर भी निकाल दिए गए थे । पर उन्हें आईसीयू में रखा गया था । शनिवार की रात तबीयत अचानक बिगड़ी तब उन्हें वेंटिलेटर लगाया गया और सुबह ये दुःखद सूचना मिल गयी ।
2 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
स्वर कोकिला के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषित की गया है ।पुुुरे देश में झंडा आधा ही से फराया जाएगा । स्वर कोकिला के निधन के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी गोवा की वर्चुअल रैली स्थगित कर दी ।
उन्होंने ट्विटर के जरिए संदेश दिया है कि वह शीघ्र ही मुंबई के लिए रवाना होंगे और शिवाजी पार्क में स्वर कोकिला के अंतिम दर्शन करेंगे ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारीमन से स्वर कोकिला को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि लता दीदी जैसी आत्माएं विश्व में सदियों में मिलती है ।
लता जी ने आठ दशकों तक की संगीत सेवा
36 भाषाओं में 50 हजार से अधिक गीतों को अपनी आवाज देकर विश्व रिकॉर्ड कायम करने वाली, एक हजार से अधिक फिल्मों को अपने गीतों से गुलजार करने वाली संगीत की महानायिका 92 वर्षीय लता मंगेशकर का जन्म 28 दिसम्बर 1929 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था । पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर संगीत जगत और मराठी रंगमंच के जाने-माने हस्ती थे । पिता ने 13 वर्ष की उम्र से ही लता की संगीत शिक्षा आरंभ करा दी थी । अपने पांच भाई-बहनों आशा भोंसले, मीना मंगेशकर , उषा मंगेशकर तथा भाई हृदयनाथ मंगेशकर में लता सबसे बड़ी थी ।
1960 से 2000 तक भारतीय फिल्मों में ऐसा दौर था कि लता जी की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थी । सन 2000 के बाद उन्होंने फिल्मों में गाना कम कर दिया वह कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही गाती थी आखरी बार उन्होंने 2015 में आई डोनो बॉय नामक फिल्म में अपनी आवाज दी थी ।
लता जी की मधुर स्वर को मिले 75 से ज्यादा पुरस्कार
भारत रत्न 2001 , पद्म विभूषण 1999 , पद्म भूषण 1969 , दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 1989, लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड 2008 , हो या 1990 में आई फिल्म “लेकिन ” के लिए सर्वोत्तम गायिका का नेशनल अवार्ड हो।ऐसा कोई पुरस्कार नहीं जिससे स्वर कोकिला लता मंगेशकर को सम्मानित ना किया गया हो।
लता मंगेशकर 61 साल की उम्र में गायन के क्षेत्र में नेशनल अवार्ड पाने वाली एकमात्र गायिका हैं । सबसे अधिक गाना गाने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी स्वर कोकिला के नाम है ।
8 विश्वविद्यालयों द्वारा यह डॉक्टर ऑफ लेटर्स (डी.लिट् )की उपाधि से सम्मानित है । उन्हें आखिरी बार 2 वर्ष पहले 2020 में टी आर ए की मोस्ट डिजायर्ड पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया था ।