जमीन की जिद्द में मानवता का अंत कर रहा ये युद्ध ; रुस-यूक्रेन
Russia and Ukraine War : रूस और यूक्रेन के संघर्ष के आज आठ दिन बीत चुके हैं । इस आठ दिनों में विश्व राजनीति एक दम बदल चुकी है । जिसका दुष्परिणाम आज पूरी दुनिया देख रही है। वर्चस्व और अस्तित्व की इस जंग के बीच आज मानव पीस रहा है ।
दोनों देश से एक दूसरे के सैनिकों को मार कर अपनी शेखी बघार रहे हैं । यूक्रेन दावा कर है कि हमने रूस के कई टैंको समेत कई सैन्य टुकड़ियों को नष्ट किया जिसमें करीब 9000 से अधिक रूसी सैनिक मारे गए । तो रूस के दावों में मरने वालों की संख्या अनगिनत है ।
रूस लगातार आठ दिन से यूक्रेन पर आसमान से आग बरसा रहा है । मुख्य शहर में रूसी सेना के घुसने से माननीय संकट खड़ा हो गया है ।लोगों के पास राशन नहीं है । खाने- पीने के लिए भी लोग बंकर से बाहर नहीं आ रहे हैं । दुकानों में लूट शुरू हो गई है । हर पल बस मौत का तांडव चल रहा है । मानवता के अंत की आवाज बम धमाकों के रूप में सुनाई दे रहीं है ।
यूक्रेन में लोगो को भूखे मरने की नौबत आ गई है । कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझते मरीजों का इलाज रोक दिया गया है । इन हालातों में लाखों लोग जान बचाने के लिए यूक्रेन छोड़कर पोलैंड ,हंगरी, रोमानिया और अन्य देशों में शरण ले रहे हैं ।
चाहे यूक्रेन के नागरिक हो या भारत के छात्र सबकी दुर्दशा हो चुकी है । भारत सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को वहाँ से निकाल तो लेगी पर युद्ध का वो भयानक मंजर उनके जहन से कैसे निकलेगी ।
युद्ध की विभीषिका का प्रभाव केवल यूक्रेन में ही नहीं दिख रहा है अपितु रूसी नागरिक भी इससे प्रभावित है । अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों द्वारा जो रूस पर प्रतिबंद्ध लगाए गए हैं। उसका परिणाम अब सामने आने लगा है ।
प्रतिबंधों के परिणाम
रूस की राजधानी मास्को समेत कई शहरों में अब लोग नकदी निकालने से लेकर विभिन्न भुगतान माध्यमों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं । वस्तुओं के दाम तेजी से उछल रहे हैं ।तो कुछ सुपरमार्केट ने आवश्यक वस्तुओं की सीमा तक निर्धारित कर दी है । प्रतिबंधो का खामियाजा भुगत रहे रूसियों का कहना है कि वे जंग नहीं चाहते और इसे फौरन रोक देना चाहिए ।
गौरतलब है कि पश्चिमी प्रतिबंधों के तहत रूस के बड़े बैंकों को स्विफ्ट भुगतान तंत्र से बाहर कर दिया गया है और मास्को का विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल भी सीमित कर दिया गया है । इन कदमों से रूबल को विदेशी मुद्रा में परिवर्तित करने में समस्या हो रही है। तो एटीएम पर भी लंबी कतारें लग रहे हैं। कई बैंकों के क्रेडिट कार्ड ने काम करना बंद कर दिया है ।
अपनी इस स्थिति के बाद भी रूस लगातार परमाणु बम की धमकी दे रहा है । हालही में रूस की परमाणु पनडुब्बी बैरेट्स सागर में देखी गयी है ।
अभी विश्व कोरोना की मार से पूरी तरह उभरा भी नहीं ऐसे में परमाणु युद्ध का होना अपने आप में ही भयावह है । अगर ऐसा हुआ पूरी वैश्विक व्यवस्था ठप्प हो जाएगी और मानव जीवन पर संकट खड़ा हो जाएगा ।
वो कहते हैं ना युद्ध चाहे कोई भी देश जीते हार दोनों देशों की होती है लेकिन इसबार हार पूरे विश्व की होगी क्योंकि वैश्वीकरण के कारण आज पूरी दुनिया एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं । इसलिए लाभ हो या हानि सभी को मिलकर ही झेलना है ।
ऐसे में युद्ध रोकना आवश्यक है कूटनीति ही जिसका एक मात्र उपाय है ।भारत शुरू से ही इसका पक्षधर रहा है ।
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Russo-Ukrainian War
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