मजधार में ‘शिव’सेना की सरकार

क्या उद्धव ठाकरे देंगे सीएम पद से इस्तीफा

वाराणसी-पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। उद्धव ठाकरे के विधायकों के बगावत करने का सिलसिला जारी है। गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के साथ बागी विधायकों का समर्थन शिवसेना के लिए खतरे की घंटी है। शिवसेना डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखकर एकनाथ शिंदे समेत 12 एमएलए पर कार्रवाई की मांग की थी जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

शिवसेना के इन बागी विधायकों पर बर्खास्त होने का खतरा मंडरा रहा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तीन प्रस्ताव पर सहमति बनी है। पहला प्रस्ताव यह है कि सभी फैसले उधव ठाकरे ही लेंगे दूसरा कहीं भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और तीसरा तथा सबसे अहम फैसला बागी विधायकों पर कार्रवाई का पूरा अधिकार उद्धव को ही होगा।

IMG 20220625 023545 423
www.zeenews.com

महाराष्ट्र की राजनीति में शतरंज का खेल जारी है। शिंदे की चाल से तो यही लगता है की उद्धव ठाकरे का खेल अब खत्म ही है। हालांकि अब भी जिस तरह से उसमें शरद पवार की एंट्री हुई है यह उनके लिए एक जीवनदान हो सकता है। उधर बार-बार संजय राऊत के भड़काऊ बयानों और विधायक तान्हा जी के घर पर हुए हमले से शांति व्यवस्था में भी खलबली मची हुई है।

पिछले कुछ दिनों से जिस तरह एकनाथ शिंदे पूरी तरह से उभर कर सामने आए हैं ऐसा लगता है मानो उद्धव के सारे दांवपेंच ही उल्टे पड़ गए हैं। गुवाहाटी से विधायकों की एकजुटता की जो तस्वीरें सामने आई हैं यह कहना गलत नहीं होगा की देखते ही देखते एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के चहेते नेता बन गए हैं।

महाराष्ट्र में सियासत की आंधी किस ओर रूख लेगी यह तो वक्त की बात है। लेकिन यह बात आज सच साबित होती नजर आती है किस सत्ता में कोई किसी का सगा नहीं होता।

Table of Contents

Scroll to Top