यदुवंशियों ने किया जलभिषेक 90 साल से चली आ रही परंपरा
वाराणसी:सावन के पहले सोमवार के दिन यादव बंधुओं ने 90 साल से चली आ रही बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक की परंपरा का बड़े ही उत्साह के साथ किया निर्वहन । कोरोना के चलते 2 साल के बाद फिर से लौटी यदुवंशियों के जलाभिषेक की पुरानी रौनक।
नंगे पांव ,कंधे पर गंगाजल लिए हर हर महादेव का उद्घोष करते यदुवंशी बने काशी के आकर्षण का केंद्र। यदुवंशियों का ध्वज और डमरू बजाते युवक के उत्साह और श्रद्धा भाव देखकर वहां आए श्रद्धालु भी हर-हर महादेव के उद्घोष में हुए लीन। वही काशी विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह में जाने से रोकने पर यदुवंशी श्रद्धालुओं ने किया धरना। करीब 1 घंटे धरने के बाद प्रशासन ने 5 यादव बंधुओं को गर्भ गृह में प्रवेश करने दिया।
देशभर से यदुवंशी बाबा के जलाभिषेक के लिए काशी पहुंचे । यादव बंधुओं की भक्ति भाव देखकर रास्ते में मौजूद श्रद्धालुओं ने भी हर हर महादेव का किया उद्घोष।
यह परंपरा वर्ष 1932 में घोर आकाल के कारण हुई थी शुरू। आकाल के चलते यदुवंशियों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया था ।जलाभिषेक होते ही बारिश शुरु हुई और लगातार तीन दिनों तक होती रही। तभी से हर साल यदुवंशी श्रद्धालु सावन के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हैं।
सावन के चलते बाबा विश्वनाथ की सोमवार की मंगला आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को 4 गुना यानी 1500 का टिकट लेना होगा साथ ही एडवांस बुकिंग भी करनी होगी। सावन के बाकी दिनों में मंगला आरती में शामिल होने के लिए ₹700 का टिकट मिलेगा ।सामान्य दिनों में मंगला आरती का टिकट ₹350 ही है।
काशी के तिलभंडेसवर, केदारनाथ , बीएचयू के विश्वनाथ जी मारकंडेय महादेव और मृत्युंजय महादेव में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। कोरोना के 2 साल बाद फिर लौटी काशी के सावन की रौनक।