शरीर का अंतिम संस्कार , रूह को न्याय का इंतजार : अंकिता हत्याकांड

सरकार और पुलिस अधिकारी दो पर भड़की जनता  : अंकिता हत्याकांड

रांची : सोमवार  की सुबह झारखंड के दुमका की बेटी अंकिता का जला हुआ शरीर पंच तत्वों में विलीन करा दिया गया । लेकिन उनकी रूह को तब तक शांति नहीं मिल सकती है जब तक की उनके हथियारे को फाँसी नहीं मिल जाती है ।

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मामला झारखंड के दुमका का है । जहाँ 23 अगस्त की सुबह करीब 4 बजे मोहल्ले के ही शाहरुख नाम के लड़के ने अंकिता के कमरे में घुसकर उसे पेट्रोल से आग लगा दिया । जिसमें अंकिता का पूरा शरीर बुरी तरह जल गया । पांच दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद भारत की बेटी शनिवार को दम तोड़ दिया ।

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मार कर हँसता रहा शाहरुख

शाहरुख अंकिता से फ़ोन पर बात करने का दबाव बना रहा था । जब अंकिता ने मना किया तो उसने घर मे घुस कर उसे जिंदा जलाकर मार दिया । पुलिस ने जब उसे हिरासत में लिया तो वो हँस रहा था । उसके हँसने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है । जिसे देखकर लोगों का गुस्सा और भड़क रहा है ।

प्रशासन घेरे में , दुमका में 144 लागू

अंकिता के मौत के बाद जहाँ एक और लोगों में गुस्सा है वहीं सियासी घमासान भी शुरू हो गया है । और फिर एक बार अंत मे सब हिन्दू मुस्लिम पर आ कर अटक गया है ।

लोग अंकिता के लिए न्याय की गुहार लगाने के लिए सड़कों पर उतर गई है । जिसे देखते हुए प्रशासन ने दुमका में धारा 144 लागू कर दिया है । इसमें 5 से अधिक व्यक्तियों के इक्कट्ठा होना , धरना प्रदर्शन करने जुलूस निकालने पर प्रतिबंध है । इसका उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्यवाही की जाएगी ।

लोगों का आरोप है कि सरकार शाहरुख को बचाने की कोशिश कर रही है । केस की जाँच कर रहे पुलिस अधिकारी नूर मुस्तफा अंसारी पर भी पक्षपात का आरोप लगाया जा रहा है ।

शाहरुख को फाँसी देने और शहर की कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए जुलूस निकाला जा रहे हैं । जिसका नेतृत्व भाजपा की महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष नीतू झा , विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष मिथिलेश कुमार और भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री अमन कुमार कर रहे थे।  प्रदर्शनकारियों की मांग है कि फ़ास्ट ट्रक कोर्ट में केस चला कर जल्द से जल्द दोषी को फांसी पर लटकाया जाए ।

विपक्ष भी प्रदेश सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगा रही है । विपक्ष का कहना है कि एक ओर अंकिता कराह रही थी । वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमन्त सोनेर पिकनिक मना रहे थे ।

अंकिता की आख़िरी इच्छा

अंकिता ने मरने से पहले अपने बयान में कहा था कि जैसे मैं तड़प कर मर रही हुँ । मेरा दोषी भी वैसे ही तड़पे । उसे फांसी दी जाए । अपने आखिरी बयान में अंकिता ने आप बीती सारी बाते बतायी ।

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