कैंट विधायक ने बाढ़ प्रभावित लोगो को बाटी डिग्निटी किट
वाराणसी:। काशी में भले ही गंगा का जलस्तर स्थिर हो गया है, लेकिन बाढ़ के कारण जनजीवन बेहाल है। शहर के निचले इलाकों में खास तौर पर घाट किनारे बने सभी घर डूब चुके हैं। वहां के लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
अस्सी स्थित गोयंका संस्कृत महाविद्यालय शहर का सबसे बड़ा बाढ़ राहत शिविर है। यहां पर लगभग 65 परिवार के 250 लोग रह रहे हैं। जिनमें 119 महिलाएं तथा 139 पुरुष हैं। एक कमरे में 6 से 7 परिवार हैं।जिसमें नगवा,छित्तुपुर तथा आसपास के कॉलोनियों में रहने वाले लोग हैं।लेखपाल आलोक तिवारी ने बताया कि सोमवार शाम छः बजे तक लोगों का राहत शिविरों की तरफ पलायन जारी रहा।
उन्होंने यह भी कहा कि पानी स्थिर होने से उम्मीद है कि अब और कोई परिवार यहां नहीं आएगा।दक्षिणी शहर से बीजेपी विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बाढ़ राहत सामग्री और विशेष रूप से महिलाओं को डिग्निटी किट का वितरण किया। इस किट में सेनेटरी पैड, नहाने और कपड़े धोने वाले साबुन तथा तौलिया है।
बाढ़ पीड़ित महिला को डिग्निटी किट देते कैंट विधायक
शिविर में रहने वाले पीड़ितों से बातचित करने पर पता चला कि डीएम सहित कई अधिकारी इनके हालात का जायजा लेने के लिए आते रहते हैं। नगवा की रहने वाली कुंता मिश्रा ने बताया कि यहां पर हमें किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है। डीएम साहब ने हमें हर संभव मदद करने का वादा किया है। साफ-सफाई के साथ-साथ चिकित्सक की भी व्यवस्था है।
प्रशासन की तरफ से सुबह,दोपहर और शाम तीनों वक्त का खाना भी मिलता है। एक अन्य महिला ने कहां की बच्चों के लिए दूध की भी व्यवस्था है। सुबह में चाय-ब्रेड तो दोपहर में दाल चावल मिलता है।सिविल डिफेंस की स्वयंसेवी संस्था नागरिक सुरक्षा भी बाढ़ राहत शिविरों में पीड़ितों को निःशुल्क सेवा प्रदान करा रही है।