फिर हुई एक बेटी बलात्कार का शिकार

नारी देवी या मौका : भारत

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के मंगलपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की 12 वर्ष की बच्ची के साथ बलात्कार किया गया । बच्ची रात में अपने दादा- दादी के साथ घर के बाहर चारपाई पर सो रही थी । दरिंदों ने चारपाई सहित बच्ची को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया । फिर बच्ची की हत्या कर उसके शव को जला दिया । बच्ची का अधजला शव गांव के बाहर बगीचे में मिला ।

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आपको बता दे भारत मे हर रोज क़रीब 89 बेटियों के साथ बलात्कार होता हैं । हर 15 मिनट में किसी एक लड़की की अस्मिता के साथ कुछ दंरिदे अपनी हवस मिटाने के लिए खेलते हैं ।

2019 नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो( एन सी आरबी)के अकड़े के मुताबिक भारत मेंं हर रोज करीब 32,033 बलात्कार के मामले दर्ज होते हैं । अकेल उत्तर प्रदेश में 3,065 मामले सामने आए । 2018 में 33,356 और 2017 में 32,559 और 2016 में 38,947 बलात्कार के मामले दर्ज किये गए ।

2018 में बलात्कार पीड़ित हर चौथी लड़की नाबालिग थी ।और 50 फ़ीसदी पीड़िताओं की उम्र 18 से 30 के बीच में थी । आँकड़ो के मुताबिक 94 फीसदी मामलों में बलात्कारी परिजन ही होते हैं । थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन ने नारी असुरक्षा को लेकर 193 देशों पर सर्वे किया जिसमें भारत का प्रथम स्थान आया है।


खैर ये जो सारे आँकड़े है, वो तो सिर्फ कागजी है । ज़मीनी हकीकत तो इससे भी भयावह है । ना जाने कितनी बच्चियों को बहाल कर उनके साथ दुष्कर्म किया जाता है उन्हें ये पता तक नहीं होता कि हो क्या रहा है । ना जाने कितनी पिछले जातियो की लड़कियों के साथ बलात्कार होता है और उन्हें चुप करा दिया जाता हैं ।

ये कैसा समाज है जहाँ बेटी अपने पिता के साथ भी असुरक्षित नहीं । अपने चाचा , भाई और दोस्तों के साथ अकेले रहने के लिए उसे सोचना पड़ता है । अगर घर आने में शाम हो जाए तो घर वाले घबरा जाते हैं । अपने ही देश में लड़कियों को बंदी जैसे रहना पड़ता है । ना अकेल कही जा सकती है ना अपने मन के कपड़े पहन सकती है । और हम कहते हैं कि हमारे यहाँ नारी को पूजते हैं । पर अगर सड़क पर अकेली लड़की दिखती है तो सब उसे मौका समझते हैं

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