विश्व धरोहर बने बनारस के गंगा घाट
यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में गंगा घाट को शामिल कर लिया है । गंगा घाट के विश्व धरोहर स्थलों के सम्भावित सूची में शामिल होने पर यूपी सरकार ने पोस्टर जारी किया है जिसमें गंगा की छटा को प्रदर्शित करते हुए इसकी उपलब्धि को मील का पत्थर बताया गया है ।
भारत सरकार ने 9 स्थलों का नाम विश्व धरोहर संभावित सूची में शामिल करने के लिए भेजा था जिसमें से 6 स्थलों को यूनेस्को के विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया है । इसमें बनारस के गंगा घाट , तमिलनाडु का कांचीपुरम मंदिर , म०प्र० का सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ,म० प्र० के जबलपुर के भेड़घाट महाराष्ट्र के मराठा मिलिट्री आर्किटेक्चर और कर्नाटक के हीरे बेनाकल शामिल है ।
अभी तक भारत के 48 स्थालों विश्व धरोहर के संभावित सूची में जगह मिली है । वर्तमान में भारत में 38 विश्व धरोहर स्थल मौजूद है । जिसे दो भागों में बाट गया है सांस्कृतिक और प्राकृतिक । फिलहाल 30 सांस्कृतिक 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित विश्व धरोहर स्थल भारत में है ।
2019 के गाइडलाइन के अनुसार किसी भी शहर या स्थल को विश्व धरोहर बनने के लिए पहले विश्व धरोहर के संभावित सूची में शामिल होना पड़ता है ।
काशी के गंगा घाट
काशी के गंगा घाट देखने में ऐसे लगते है जैसे महाकाल के शीश पर स्थित चंद्रमा । चन्द्रहार के समान दिखने वाले ये घाट दुनिया भर के सैलानियों को आपने ओर आकर्षित करने में सक्षम है । सुबह के वक्त गंगा में उतरती भगवान दिवाकर की किरणें और घाटों का दिव्य सौंदर्य बनारस की जान है जिसे दुनियाभर में सुबह ए बनारस के नाम से जाना जाता हैं । तो रात में दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती की महिमा विश्वव्यापी है । कार्तिक पूर्णिमा को बनारस में मनाए जाने वाली देव दीपावली का नजारा एक बार जो देख ले फिर जीवन भर के लिए आँखों में बस ही जाता है । देव दीपावली पर गंगा के घाट पर जलते हजारों दीयों की रोशनी जब गंगा में पड़ती है तो ऐसा लगता है मानो आसमान के सारे सितारे आ कर माँ गंगा के आँचल में छिप गए हों । गंगा घाट पर हर साल लगभग 60 – 65 लाख पर्यटक आते हैं । और यहाँ शांति ज्ञान और आनन्द ले जाते हैं ।