विश्व रिकॉर्ड के साथ भारत ने किया सोने पर कब्जा : टोक्यो पैराओलंपिक
टोक्यो पैराओलंपिक में देश के शानदार प्रदर्शन ने सभी भारत वासियों के सर फक्र से ऊंचा कर दिया है । आज देश की बेटी अवनि लेखरा ने निशानेबाजी में देश को स्वर्ण दिलाया । तो देश के सपूत सुमित अंतिल ने जैवलिन थ्रो में देश के लिए सोना जीता । टोक्यो पैराओलंपिक में भारत ने अभी तक कुल सात पदक जीते हैं ।
देवेन्द्र झाझरिया ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर और सुंदर गुर्जर ने इसी प्रतियोगिता में कांस्य जीता । योगेश कथुनिया ने डिस्कस थ्रो में रजत पर कब्जा किया । आज का दिन भारतीय खेल जगत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा । आज भारत ने पांच पदक जीते । टोक्यो पैराओलंपिक में भारत पदक तालिका में अभी 26 स्थान पर है ।
पैराओलंपिक में स्वर्ण लाने वाली देश की पहली महिला निशानेबाज बनी अवनि लेखरा
टोक्यो पैराओलंपिक में देश को पहला स्वर्ण दिलाकर अवनि ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवा लिया है । अवनि पैराओलंपिक में सोना जीतने वाली देश की पहली महिला निशानेबाज बन गयी है । उन्होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच 1 स्पर्धा में 249.6 स्कोर बनाकर ये करिश्मा किया । इससे पहले यूक्रेन के इरियाना शेतिनक ने 2018 में स्कोर 249 .6 किया था ।
अवनि ने पुराने विश्व रिकॉर्ड पर नया कीर्तिमान स्थापित किया । 19 साल की अवनि मुख्यतः जयपुर की रहने वाली है । 2012 में एक कार दुर्घटना में इन्हें रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या हो गयी । पर कोई भी समस्या इच्छा शक्ति से बडी नहीं होती अवनि ने ये दिखा दिया । राजस्थान सरकार ने अवनि के लिए 3 करोड़ के पुरस्कार का ऐलान किया है ।
विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए सुमित ने साधा सोने पर निशाना
टोक्यो में चल रहे पैराओलंपिक में भारत के सुमित अंतिल ने भाला फेक क्लास एफ 64 में नया विश्व रिकॉर्ड बना कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया । सुमित ने पहले प्रयास में 66. 95 के साथ फाइनल की शुरुआत की । दूसरे प्रयास में 68 .08 तीसरे में 65.27 चौथे 66.71 मीटर पर भाला फेका और पाँचवे प्रयास में उन्होंने 68.55 मीटर पर थ्रो करके विश्व रिकॉर्ड बनाया ।
बात दे कि सुमित पंजाब के पानीपत के रहने वाले हैं । 6 साल पहले एक सड़क हादसे में इन्होंने अपना एक पैर खो दिया था । 7 जून 1998 में जन्मे सुमित तीन बहनों के इकलौते भाई है । जब ये सात साल के थे तभी इनके पिता का देहांत हो गया था । 2015 में ट्यूशन से आते वक्त एक हादसे ने इनसे इनका पैर छीन लिया पर हौसला नहीं छीन सका । आज पूरे देश को इनपर गर्व है ।