करीब 12 लाख जलते दीपों से बना विश्व कीर्तिमान
वाराणसी और राम जन्मभूमि अयोध्या हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में एक है। यूं तो रामनगरी हमेशा ही चर्चा में रहती है लेकिन जब बात दीपों के त्योहार दीपावली की हो तब बात कुछ और ही है। कहते हैं कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास समाप्त करके वापस अयोध्या आए तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था और तब से ही दीपावली मनाई जाती है।
इस बार अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन हुआ। करीब 12 लाख दीपों से राम की पौड़ी जगमग हो उठी जिसे देखकर ऐसा लग रहा था मानो पूरी अयोध्या किसी नई-नवेली दुल्हन सी सजी हो। दीपों के जलते ही अयोध्या के नाम विश्व कीर्तिमान बन गया। गिनीज बुक की टीम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रोफेशनल प्रमाण पत्र दिया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की ओर से इस कीर्तिमान की घोषणा होते ही सरयू का तट आनंदित हो उठा। राम की पौड़ी में दीपो की झिलमिलाहट के साथ जय श्री राम के उद्घोष ने लोगों को रोमांचित कर दिया। चारों ओर स्थानीय एवं बाहरी लोगों की भीड़ दीपोत्सव का आनंद लेने के लिए उत्सुक दिखी।
इस दौरान अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रविशंकर सिंह सहित कई अन्य विशिष्ट अतिथि भी इस भव्य आयोजन के साक्षी बनें।दीपोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ शैलेंद्र सिंह ने सभी को बधाई दी। डॉ शैलेंद्र सिंह ने बताया 11 लाख 90 हजार दीप सजाए गए जिसमें 9 लाख 54हजार का रिकॉर्ड बना। इस आयोजन में करीब 12 हजार स्वयंसेवकों की टीम शामिल रही। इस दौरान पूरी अयोध्या नगरी का नजारा दिव्य एवं अलौकिक था।