ग्राम पंचायत चुनाव में भाजपा की किरकिरी

उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत और ग्राम पंचायत के चुनाव अभी खत्म हुए हैं चुनावी नतीजों में समाजवादी पार्टी को ही 11 भारतीय जनता पार्टी को 7 और निर्दलीयों को 11 सीटें प्राप्त हुई है | यह ग्राम पंचायत चुनाव में भाजपा का ही फैलाया हुआ शनिचर है जो आज उसे खुद भुगतना पड़ रहा है भारतीय जनता पार्टी ने जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में हाहाकार मचाया है। वह बहुत सोचने वाली बात है, यह हाहाकार आपको ऐसे नजर नहीं आएगा पर सोचिए कि जब आपके मुख्यमंत्री दूसरे राज्य में जाकर बोलते हैं कि उस राज्य में क्राइम रेट में बहुत ऊपर है और उसी समय एनसीआरबी की रिपोर्ट में आपकी राज्य क्राइम रेट में सबसे ऊपर आता है तो कितना बुरा होगा | जरा सोचिए जब आप सरकार से यह कहते हैं कि हमारे पास स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी नहीं है और आप को जेल में डाल दिया जाता है तब क्या होगा | या तब सोचिए जब आपके घर पुलिस बिना किसी सर्च वारंट के आकर आपका सर्च करती है या आप को जेल में बंद कर देती है तब क्या होगा और अभी भी नहीं सोच पा रहे हैं तो तब सोचिए जब हर 9 मिनट में एक लड़की के साथ छेड़खानी होती है और राज्य महिला सुरक्षा के मामले में बहुत पीछे रह जाता है |

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ग्राम पंचायत चुनाव में भाजपा,

भारतीय जनता पार्टी ने जो कुछ भी पिछले 4 सालों में किया वह कुछ अच्छा था या कुछ बुरा पर इससे एक बात साफ है कि भारतीय जनता पार्टी की बहुत जबरदस्त किरकिरी हुई है पर यह भी देखने वाली बात होगी कि क्या 2022 के चुनाव में जाति का कार्ड फिर से काम आएगा क्योंकि समाजवादी पार्टी और बसपा इन्हीं कारणों पर ज्यादा जीतती है | आप अभी भी किसी चाय की दुकान पर बैठ सकते हैं और समझ सकते हैं कि क्या सूरते हाल है | कितने लोग भारतीय जनता पार्टी से संतुष्ट हैं या कितने लोग योगी आदित्यनाथ जी से संतुष्ट हैं और फिर अंदाजा लगा सकते हैं कि सन 2022 में क्या हो सकता है | कई राजनीतिक विशेषज्ञ जिला पंचायत के ग्राम पंचायत के चुनाव को एक ट्रेलर मानते हैं क्योंकि, 75 जिलों के नतीजों में से भाजपा सिर्फ 13 में ही दहाई अंक पास रखी है और यह उस पार्टी की बात हम कर रहे हैं जो लोकसभा के चुनाव में 300 से भी ज्यादा सीटें पाती है, जो एकतरफा जीत पाने में सक्षम है, सक्षम शायद कोरोना को हैंडल करने में ना हो पाया हो, सक्षम शायद राज्य में सुरक्षा के लिए ना हो पाया हो, सक्षम अपने लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी के लिए ना हो पाया हो और इसी का नतीजा भारतीय जनता पार्टी को जिला व ग्राम पंचायत चुनाव में देखने को मिला |

हालांकि अभी 2022 में लगभग 1 साल का समय है और देखते हैं उत्तर प्रदेश में क्या भारतीय जनता पार्टी फिर से दमखम दिखा पाती है या जिला पंचायत और ग्राम पंचायत चुनाव की तरह ही मुंह की खानी पड़ेगी |

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