पहले कोरोना अब ब्लैक फंगस की मार , महामारी के बीच एक और बीमारी ।
अभी देश मेंं कोरोना कहर बरपा ही रहा है कि इसी बीच लोगों पर एक और खतरनाक बीमारी का खतरा मंडराने लगा है, ब्लैक फंगस । देश मेंं लगातार इसके मामले भी बढ़ रहे है ये एक जानलेवा बीमारी है हालांकि इसका इलाज मौजूद है ।पर यदि समय पर इलाज ना मिले तो जान को भी.खतरा हो सकता है ।
ये बीमारी कोरोना की सहयोगी बन के मैदान में आयी है जो लोग कोरोना से बच जा रहे हैं उन्हें ये आपने आगोश में ले ले रहीं है । कोरोना के दौरान भी और कोरोना से ठीक होने के बाद भी इसका ख़तरा लगातार बना हुआ है । 13 से ज़्यादा राज्यों में ब्लैक फंगस यानी म्यूकर माईकोसिस फैल चुका है ।
ब्लैक फंगस के केस
1. BHU में ब्लैक फंगस से 50 वर्षीय महिला की मौत । चार दिन पहले हुआ था ऑपरेशन । अभी आईसीयू में भर्ती थी । ब्लैक फंगस से वाराणसी में ये पहली मौत है ।
2. लखनऊ के KGMU में आज ब्लैक फंगस के कुल 13 मामले मिले हैं ।जिसमें सात कोविड से पीड़ित हैं तथा5 कोविड से ठीक हो कर पोस्ट कोविड के स्टेज में है । अब तक कुल 2 मरीजों की मौत हो चुकी है UP के राजधानी में कुल 24 मामले हो चुके है ।
3. मेरठ से भी ब्लैक फंगस के 12 मामले सामने आए हैं
प्रदेश के सभी शहरों से ऐसे ही मामले आ रहेंं है जिसने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है । प्रदेश सरकार इससे निपटने के पूरे इंतजाम कर रही हैं
क्या है काला फफूंद
ब्लैक फंगस एक तरह का फंगल इंफेक्शन है । जो कि उन लोगों में आसनी से फैलता है जो बीमार है क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती हैं । ये उन्हें ही शिकार बनाता है जिनमेंं रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो ।
बीपी और डाइबटीज वाले के मरीजोंं को इससे खतरा ज्यादा है । BHU के डॉक्टर एस के अग्रवाल ने बताया कि बीपी और शुगर के मरीजों को कोरोना में आईसीयू में इलाज के दौरान स्टेराइड अधिक दिया जाता है जिससे उनकी इम्युनिटी बहुत कमजोर हो जाती है और ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है ।
ब्लैक फंगस के लक्ष्ण
ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस अब कोरोना को और खतरनाक बना रहा है । कोविड , पोस्ट कोविड तथा सामान्य मरीजोंं को भी ये बीमारी हो सकती है । इसके लक्षण है
1. गाल की हड्डी में दर्द , चहरे पर घाव ,
2. आँखों में सूजन , आँखों का लाल होना तथा दिखाई न देना ।
3. आँख व नाक के पास काले धब्बे ।
4. बार -बार बुखार , सिर में तेज दर्द ।
5. खून के उल्टी आना ,नाक के म्यूकस के साथ खून आना , नाक बंद होना।
6. साँस फूलना ।
7. दाँतों में दर्द , दाँत हिलना ,चबाने में दर्द ।
इन लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टरो से सलाह ले ।
कैसे फैलता है ब्लैक फंगस ।
ब्लैक फंगस जो लोगों को डरा रहा है । हवा से भी इसके रोगाणु शरीर में प्रवेश कर सकते हैं ।इसके अलावा शरीर पर जहाँ पर चोट लगी हो या जला हो वहाँ से रोगाणु अंदर आ सकते हैं । किसी मरीज के प्रत्यक्ष संपर्क में आने से फैलता है।
बचाव
ब्लैक फंगस से बचाव बहुत जरूरी है देश पहले ही एक महामारी की मार झेल रहा है ऐसे में दूसरी बीमारी का आना देश को बहुत बड़े संकट में डाल सकता है । बचाव ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जिससे इस बीमारी को महामारी बनने से रोक सकता है । इससे बचाव के लिए कुछ उपाय है जिसका पालन कर के देश को बड़े संकट से बचाया जा सकता है।
• हमेशा मास्क पहन कर रखे । धुल मिट्टी वाले स्थान पर जरूर मास्क लगाए ।
• स्वयं या किसी गैर विशेषज्ञ डॉक्टर के, दोस्त मित्र या रिश्तेदार की सलाह पर स्टेरॉयड दवा कतई शुरू ना करें.
• लक्षण के पहले 05 से 07 दिनों में स्टेरॉयड देने से दुष्परिणाम होते हैं। बीमारी शुरू होते ही स्टेरॉयड शुरू ना करें. इससे बीमारी बढ़ जाती है.
• स्टेरॉयड का प्रयोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुछ ही मरीजों को केवल 05-10 दिनों के लिए देते हैं, वह भी बीमारी शुरू होने के 05-07 दिनों बाद केवल गंभीर मरीजों को. इसके पहले बहुत सी जांच आवश्यक है.
• इलाज शुरू होने पर डॉक्टर से पूछें कि इन दवाओं में स्टेरॉयड तो नहीं है. अगर है, तो ये दवाएं मुझे क्यों दी जा रही हैं?
• . स्टेरॉयड शुरू होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर के नियमित संपर्क में रहें.
• घर पर अगर ऑक्सीजन लगाया जा रहा है तो उसकी बोतल में उबाल कर ठंडा किया हुआ पानी डालें या नार्मल सलाइन डालें. बेहतर हो अस्पताल में भर्ती हों.
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