राष्ट्रमंडल खेलों का आगाज

राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पीएम मोदी ने दिया खिलाड़ियों को मंत्र

बर्मिंघम : विश्व में बाढ़ , बारिश, सूखे ,लू, रूस यूक्रेन युद्ध और राजनीतिक घमासान के बीच चार साल में एक बार आयोजित होने वाले राष्ट्रीय मंडल खेलों के 2022 संस्करण के आयोजन की तैयारी पूरी हो चुकी है । यह मैत्रीपूर्ण खेल प्रतियोगिता 28 जुलाई से शुरू होकर 8 अगस्त को खत्म होगी । इसमें 74 देशों के 4500 खिलाड़ी भाग लेंगे । इस बार खेलों की मेजबानी इग्लैंड का बर्मिंघम शहर करेगा । इसमें 20 खेलों में 280 प्रतियोगिताये होंगी ।

Birmingham 2022 Commonwealth Games logo.svg 1
commonealth games 2022

भारत के 215 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शिरकत करने के लिए तैयार है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के अध्यक्ष होने का कर्तव्य निभाते हुए सभी खिलाड़ियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद कर उन्हें प्रोत्साहित किया और “कोई नहीं है टक्कर में कहां पड़े हो चक्कर में ” का मंत्र दिया । इस बार राष्ट्रमंडल खेलों में 24 साल बाद क्रिकेट को भी स्थान दिया गया है ।

copy of chhathh 16 sixteen nine
खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते प्रधानमंत्री

राष्ट्र मंडल एक स्वतंत्र देशों का समूह है। जिसमें दुनिया की 30 प्रतिशत आबादी निवास करती है । यह समूह अफ्रीका से एशिया तक और प्रशांत महासागर से कैरिबियाई  तक फैला हुआ है ।
राष्ट्रमंडल खेलों को फ्रेंडली गेम भी कहे जाते हैं । जिसका मूल मंत्र समानता , मानवता और लोगों को प्रेरित करना है ।

राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास

राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत 1930 में धावक बॉबी रॉबिंस के प्रयत्नों के फल स्वरुप में हुई थी । इसके पहले संस्करण में छः खेलों की कुल 59 प्रतियोगिताएं हुई । जिसमें 11 देशों की कुल 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था ।


  द्वितीय विश्व युद्ध के कारण 1942 और 1946 में इसका आयोजन नहीं हो सका  । 1950 में इस प्रतियोगिता का आयोजन आरंभ हुआ । प्रारंभिक वर्षों में 1930 से 1950 तक इस प्रतियोगिता का नाम ‘ब्रिटिश एम्पायर गेम्स’ था । 1954 से 1966 तक इसे ‘ब्रितानी साम्राज्य और राष्ट्र मंडल खेल’ कहा गया ।

फिर 1970 से 1974 में इसे ‘ब्रितानी राष्ट्रमंडल खेल’ के नाम से जाना गया । इतना लंबा सफर तय करने के बाद 1978 में इसका नाम ‘राष्ट्रमंडल खेल’ रखा गया ।


राष्ट्र मंडल खेलों को ‘कॉमनवेल्थ गेम्स ‘ भी कहते हैं क्योंकि इसकी खासियत है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह खेल प्रतियोगिता दोस्ताना अंदाज में खेली जाती है ।


1930 से 1994 तक राष्ट्रीय मंडल खेलों में केवल एकल मुकाबले ही शामिल थे । 1998 में मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में आयोजित प्रतियोगिता में पहली बार सामूहिक खेलों को भी जगह दी गई । जिसमें 50 ओवर का क्रिकेट, हॉकी (महिला एवं पुरुष) नेटबॉल (महिला) एवं रगबी (पुरुष) शामिल थे । 2006 में बास्केटबॉल को भी शामिल कर लिया गया ।


मैनचेस्टर में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल प्रतियोगिता 2002 में शारीरिक रूप से प्रभावित खिलाड़ियों के लिए भी द्वार खोल दिए गए ।

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का इतिहास

भारत में पहली बार 1934 में राष्ट्रीय मंडल खेलों  ने भाग लिया । जिसमें भारत के 6 खिलाड़ियों को मौका मिला । 74 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती इवेंट में पहलवान राशिद अहमद ने कांस्य जीतकर भारत का खाता खोला और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने ।

viqqflhpesx0zpkj6cv9
राशिद अहमद


राष्ट्रमंडल खेलों  में पहला स्वर्ण जीतने का कारनामा 1958 में महान धावक मिल्खा सिंह ने किया । इसी साल हेवीवेट पहलवान लीला राम ने पुरुषों की 100 किलोग्राम फ्रीस्टाइल श्रेणी में दूसरा स्वर्ण जीता ।

1990 में फ्लाईवेट डिवीजन में स्नैच, क्लीन एंड जर्क और ओवरऑल सहित तीन स्वर्ण पदक और 1994 में तीन रजत जीतकर राघवन चंद्रशेखरन  कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के सबसे सफल खिलाड़ी बने ।


1978 में बैडमिंटन खिलाड़ी अमी घिया और कंवल सिंह ने कांस्य जीतकर , राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली महिला बनी ।

2010 नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल प्रतियोगिता भारत के लिए सबसे सफल संस्करण साबित हुआ । जिसमें भारत स्कोरबोर्ड पर दूसरा स्थान पर रहा । इसमें भारत में 101 पदक जीते जिसमें 39 स्वर्ण 26 रजत व 36 कांस्य शामिल है ।

अब तक भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 503 पदक जीते हैं । जशपाल राणा अभी तक सर्वाधिक 15 पदक जीते हैं । भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के चार  संस्करण ( 1930 ,1950 ,1962 ,1986 )  में हिस्सा नहीं लिया था ।

Table of Contents

Scroll to Top