कोरोना से ठीक हुए लोगों को निमोनिया का खतरा
कोरोना से ठीक हुए लोगों को निमोनिया का खतरा , ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने बताया कि कोरोना से रिकवरी के 1साल बाद भी कोरोना का असर फेफड़ों में दिख रहा है फेफड़ों क्षमता कम हो रही है ।जिसे कोविड 19 निमोनिया नाम दिया गया है । ब्रिटेन के साउथैम्पटन यूनिवर्सिटी ने आपने रिसर्च में पाया कि कोरोना को हराने वाली हर 3 में से एक को ये समस्या आ रही है । उनके फेफड़े की क्षमता कम हो जा रही है । जिससे कोविड19 निमोनिया कहा जा रहा है ये पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखने को मिल रहा है ।
पोस्ट कोविड सिंड्रोम (कोविड19 निमोनिया )
कोरोना से पूरी तरह बच कर निकलने वाले लोग अब भी पूरी तहर स्वस्थ नहीं है । रिसर्च में पाया गया कि अधिकतर लोगों को निरन्तर थकान महसूस होती है चिड़चिड़ापन , साँस लेने में तकलीफ ,जोड़ो में दर्द , हल्का बुखार , उदासी , बैचनी ,चक्कर , कमजोरी ,साँस फूलना , सोचने- समझने की शक्ति कम हो जाना आदि लक्षण भी दिखाई दे रहे है । इसे पोस्ट कोविड कहा जा रहा है । ऐसे में ठीक होने के बाद भी लोग बीमार है ऐसा इस लिए हो रहा है क्योंकि की कोरोना वायरस के चपेट में आने से फेफडों की खून में ऑक्सीजन पहुँचने की क्षमता कम हो गयी है ।
सलाह ; रूटीन चैक उप और ब्रीथिंग एक्ससाइज
• कोरोना से रिकवर किये लोगों को डॉक्टरों के सलाह है कि वो अपना रूटीन जाँच कराते रहे जिससे आगे की रणनीति बनाने में सहायता मिलेंगी ।
• ब्रीथिंग एक्ससाइज भी करनी चाहिए ।जिससे फेफड़ में जमा अतिरिक्त बलगम को बाहर निकलने में मदद मिलती है ।
• फेफड़ों पर अधिक जोर दिए बिना अनुलोम -विलोम , गहरी सांस लेना -छोड़ना आदि कर सकते हैं ।
• खानपान का ज्यादा ख्याल रखें । विटामिन सी का उपयोग अधिक करें । तैलीय पदार्थ ना ले ।
• थोड़ा धूप ले ।
• खजूर ,किसमिस ,बादाम और अखरोट को खाने में अवश्य शामिल करें ।