मोदी के 5T मंत्र से भारत और अमेरिका के सांस्कृतिक सम्बधों को मिले नए आयाम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना तीन दिन का अमेरिकी दौरा खत्म कर भारत आ चुके हैं । जो बाइडन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद मोदी की ये पहली अमेरिकी यात्रा थी ।
तीन दिवसीय अपने इस कायर्क्रम में मोदी ने क्वाड देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की , संयुक्त राष्ट्र को सम्बोधित किया । मोदी की ये यात्रा कई मायनों में खास रही । मोदी ने भारत और अमेरिका के सांस्कृतिक संबंधों पर विशेष जोर दिया । दोनों देशों के नेताओं ने पुरातन वस्तु की चोरी और तस्करी को रोकने पर सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया । साथ भारत को उसकी पुराने धरोहर भी लौटाए ।

मोदी ने पांच मुद्दों पर अमेरिका के राष्ट्रपति से बात की इन मुद्दों को मोदी का 5T मंत्र कहा जा रहा है । 5T में ट्रेडिशन (परम्परा ), ट्रेड( व्यापार) , टेक्नोलॉजी (तकनीकी) , टैलेंट( हुनर )और ट्रस्टशिप (भरोसा) शामिल है ।
बाइडन ने मोदी को तौहफे में दिए भारत के 4000 साल पुराने धरोहर
पीएम मोदी अमेरिका से अपने साथ भारत के 157 पुरातन वस्तुएं लेकर भारत आ रहे हैं । जो उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने उपहार में दी है । इनमें कुछ वस्तुएं 4000 वर्ष पुरानी है । इनमें से अधिकतर की वस्तुओं को दशकोंं पहले चुराया गया था । जिसे भारत को लौटा दिया है । इसमें मूर्तियाँ , कलाकृतियां शामिल हैं । 45 से अधिक वस्तुएं 2000 से 4000 हजार अधिक पुरानी है । जबकि और सब 10 वीं से 14 वीं शताब्दी की है । इसमें धातु , पत्थर और टेराकोटा से निर्मित वस्तुएं है ।ये वस्तुएं हिन्दू धर्म , बौद्ध धर्म और जैन धर्म से सम्बंधित है ।
12 वी शताब्दी में बनी कांस्य की चारभुजाओं वाली नटराज की प्रतिमा , 24 तीर्थकरों की प्रतिमाएं , लक्ष्मी , नारायण , शिव पार्वती ,बुद्ध, विष्णु की मूर्तियां । 10वी सदी के डेढ़ मीटर लम्बे नक्काशी किये पैनल पर बने सूर्यपुत्र रेवंत की प्रतिमा और भी कई धरोहर भारत आ रहे हैं ।
2014 से अब तक 200 पुरातन कलाकृतियां भारत लाई जा चुकी है । अमेरिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी , सिंगापुर, कनाडा , इंग्लैंड से भी 113 कलाकृतियाँ देश वापस आ रही है ।