भारत में रहेगा आंशिक, सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण
नई दिल्ली : 2021 का आखिरी चंद्रग्रहण 19 नवम्बर यानी देव दीपावली को लगने जा रहा है। नाशा के वैज्ञानिकों ने ग्रहण का समय सुबह के 11:34 से शाम के 5:30 तक बताया है। 5 घंटे49 मिनट तक लगा रहने वाला यह 21 सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा।
ग्रहण उत्तरी अमेरिका , मैक्सिको, ऑस्ट्रेलिया पूर्वी एशिया उत्तरी यूरोप समेत प्रशान्त महासागरीय क्षेत्रों में दिखेगा । भारत में यह ग्रहण असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकेगा ।
वैज्ञानिकों के अनुसार 1:30 पर ग्रहण अपने चरम पर होगा । पृथ्वी चाँद को 97 प्रतिशत तक ढक लेगी । चंद्रमा पूरा लाल दिखेगा । चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है जो सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने से होता है । इसमें पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है ।
भारत में चंद्रग्रहण का प्रभाव
भारत में ग्रहण का आंशिक प्रभाव ही देखने को मिलेगा ।जो की 3 घंटे 28 मिनट 23 सेकेंड तक रहेगा । साल का आखिरी चंद्रग्रहण कार्तिक पूर्णिमा को वृषभ राशि कार्तिक नक्षत्र में लग रहा है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण आंशिक होंने के कारण सूतक बेला का प्रभाव नहीं पड़ेगा ।
ग्रहण का असर कुछ राशियों पर अच्छा तो कुछ पर बुरा होगा । तुला ,कुंभ तथा मीन राशि के जातकों की किस्मत खुलेगी ।अच्छी नौकरी सफलता तथा व्यापार में लाभ के योग है। वहीं मेष , वृषभ, सिंह और वृश्चिक राशि को हानि का सामना करना पड़ सकता है बनते काम भी बिगड़ने की आशंका है ।
ग्रहण एक खगोलीय घटना है । लेकिन भारतीय संस्कृति में इसे अशुभ माना जाता है मान्यता है कि इसमें राहु नामक दैत्य चंद्रमा को ग्रहण कर लेता है । इसलिए ग्रहण काल को सूतक काल भी बोलते हैं सूतक बेला में कोई भी कार्य नहीं किया जाता है ।
गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना पड़ता है ग्रहण में गर्भवती महिलाओं और पशुओं के पेट को गाय के गोबर से गोठ देते हैं । ताकि बच्चे के स्वास्थ्य पर ग्रहण का बुरा प्रभाव ना पड़े । ग्रहण का प्रभाव पड़ने से बच्चे विकृत पैदा होते हैं ।