पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बन सकती है द्रोपदी मुर्मू

21 जुलाई को आएंगे  राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे

नई दिल्ली: देश के 15 वे राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया आज शाम 5:00 बजे समाप्त कर ली गयी। चुनाव में 4,800 निर्वाचित सांसद और विधायकों ने हिस्सा लिया । राजग उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा में सीधी टक्कर हुई । 27 दलों ने मुर्मू का समर्थन किया तो 14 दल सिन्हा के खेमे में रहे ।

मुर्मू को समर्थन देने वाले 27 दलों के मतों की कुल संख्या 6.65 लाख है। वहीं विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के 14 दलों की मतों की संख्या 3 . 62 लाख है ।

इस चुनाव में मुर्मू का जीतना लगभग तय माना जा रहा है । हालांकि शुरू में राजग के पास करीब 49 फ़ीसदी और विपक्ष के पास 51 फ़ीसदी वोट होने के कारण चुनाव में कड़ी टक्कर की उम्मीद जताई गई थी । लेकिन द्रोपती मुर्मू को उम्मीदवार चुनने से भाजपा को राजग को एकजुट  रखने में साथ ही विपक्षी खेमे में बड़ी सेंध लगाने में मदद मिली ।

इसके कारण अकाली दल, झामुमो, बीजद, वाईएसआरसीपी, टीडीपी, शिवसेना, बसपा, एसबीएसपी और राजा भैया की पार्टी भी मुर्मू के पक्ष में आ गई बैठक में सिन्हा के नाम पर मुहर लगाने वाले दल भी मुर्मू का समर्थन करने को मजबूर हो गए ।

अगर द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनती है। तो यह लोकतंत्र की जीत है । वो देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी ।


द्रौपदी मुर्मू  भारत की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल है ।
मुर्मू ने 2015 में झारखंड के राज्यपाल का पद ग्रहण किया था । इससे पहले यह ओडिशा में भाजपा के टिकट पर दो बार विधायक का चुनाव जीत चुकी है । प्राप्ति मुर्मू ने ओडिशा में पहले वाणिज्य, परिवहन बाद में मत्स्य एवं पशु संसाधन मंत्रालय में बतौर मंत्री के पद पर कार्य किया है ।

मुर्मू सन्थाल जाति से आती हैं इनका जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गाँव में हुआ है ।

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