गंगा का जल स्तर बढ़ने पर उभरी लाशें ,कोरोना में सबसे बड़ा कब्रिस्तान बना गंगा घाट, दिखा प्रशासन के मुस्तैदी का सच ।
कोरोना में सबसे बड़ा कब्रिस्तान बना गंगा घाट बीते कई दिनों से उन्नाव में लाशों को गंगा किनारे मात्र 3 फीट गड्डे में दफनाया जा रहा था । कल रात की बारिश ने गंगा का जल स्तर बड़ा दिया जिससे सैकड़ों लाशें उभर आयीं । इनकी संख्या 500 से अधिक बताई जा रही है । ये जगह कानपुर से 70 किलोमीटर अंदर पड़ती है । जिसका नाम बक्सर घाट है ।
इससे पहले लाशों के ऐसा अम्बार कही देखने को नहीं मिला था । मानवीय संवेदना को आहत करने वाले इस दृश्य को देखकर किसकी संवेदना नहींं जागेगी ।जहाँ लाशों को कुत्ता नोंच रहा हो और प्रशासन तमाशा देख रहा हो ।
लाशों को नोंच रहे कुत्ते प्रशासन सीमा विवाद सुलझाने में व्यस्त।
कोई नहीं पुछ रहा लाशें किसकी है ? कहाँँ से आयी ?बल्कि अब प्रशासन इस बात पर जोर दे रहा है कि इन लाशों के अंतिम संस्कार का जिम्मा किस जिले का है ? जिस जगह लाशें मिली हैं वो जगह उन्नाव और फतेहपुर के बीच में पड़ता हैं । दोनों जिलों के अफसरों में क़रीब 8 घंटे तक ये बहस चलती रही की शव किस जिले के अधिकार क्षेत्र में आते हैं ।
जमीन की पैमाइश के बाद दोनों जिलों के DM ने ये तय किया । फतेहपुर के जमीन वाले शवों का अंतिम संस्कार फतेहपुर प्रशासन करेगा और उन्नाव की जमीन में आने वाले शवों का अंतिम संस्कार उन्नाव प्रशासन करेगा । गंगा के दोनों किनारों पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया है । ताकि अब यहाँ कोई लाश ना दफना सकें और ना ही नहीं प्रवाहित कर सके ।
अपने ही बातों से मुकरते प्रशासनिक अधिकारी
बक्सर घाट पर लाशों की सच्चाई दफन करवाने पहुंचे एसडीएम दयाशंकर पाठक जहाँ एक और लाशों पर रेत डलवा रहे थे वहीं दूसरी ओर कह रहे थे कि घाट पर कोई लाश नहीं है मीडिया झूठी खबर फैला रही है ।
जबकि बुधवार को जब उन्नाव के DM रवीन्द्र कुमार से दैनिक भास्कर संवाददाता ने बक्सर घाट पर दफन हो रहे शवों के बारे में प्रश्न पूछा था तो उन्होंने साफ कहा था कि गंगा किनारे कई लाशें दफन हुई है इसकी जांच के लिए एसडीएम से रिपोर्ट मांगी गई है । अब लाशें न दफन की जाए इस बात का ध्यान रखा जाएगा । जिन लाशों को दफनाया गया है उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जल्दी ही की जाएगी ।
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