वाराणसी में ज्ञानवापी परिषद में मिले शिवलिंग की आकृति की पूजा पाठ को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से दाखिल सुनवाई सोमवार के दिन सिविल जज कुमुदलता त्रिपाठी की कोर्ट में सुनवाई ।
इस मामले को लेकर पहले ही तीसरे पक्ष ,अंजुमा इंतजामिया मसाजिद कमेटी कोर्ट में याचिका दायर कर चुका है।
वही वादी पक्ष” देवता नाबालिक होते हैं, उनकी देखरेख कोई और करता है”पिछली सुनवाई पर अदालत में इस पक्ष में अर्जेंट आवेदन देकर इस बात को कहा ।
देवता नाबालिक होते हैं, उन्हें एक दिन भी पूजा पाठ के बगैर रखना सनातन धर्म के खिलाफ है ।ऐसा रखना विधि के अनुकूल नहीं है ।ऐसे में तुरंत सुनवाई किया जाना आवश्यक है। कोर्ट में इस बात की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।
कोर्ट में इस वाद का दाखिला शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य व प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद तथा रामसजीवन ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण त्रिपाठी, चंद्रशेखर सेठ और रमेश उपाध्याय के जरिए किया।