बॉर्डर से 100 किमी अंदर बिना पर्यावरण मंजूरी के बन सकेंगे हाइवे

सरकार कह रही रक्षा के लिए जरूरी और पर्यावरण विशेषज्ञ इसे पर्यावरण की हत्या मान रहे हैं

नई दिल्ली : देश की सीमा और एलओसी से 100 किमी के भीतर क्षेत्र में हाईवे बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पर्यावरण मंजूरी की जरूरत खत्म कर दिया है । सड़क प्रोजेक्ट से स्थानीय पर्यावरण को नुकसान के मूल्यांकन के लिए बने नियमों में संशोधन कर सरकार ने नया  नोटिफिकेशन जारी किया है ।

माना जा रहा है कि इससे सेना को चीन सीमा पर मिसाइल लॉन्चर ले जाने के लिए योग्य सड़के मिल पाएगी । चारधाम यात्रा आसान करने वाले  हिमालय व पूर्वोत्तर हिमालय के हाईवे प्रोजेक्ट भी पूरे होंगे ।

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यह प्रोजेक्ट सीमा और एलओसी के 100 किमी दायरे में है । इसके तहत उत्तराखंड में 899 किमी लंबी सड़कें बनेंगी । दूसरी और पर्यावरण विशेषज्ञ इन प्रोजेक्ट से स्थानीय संवेदनशील पर्यावरण को नुकसान की आशंका जताते रहे हैं ।

इन्हें भी मिली छूट

हवाई अड्डों को अपनी टर्मिनल  इमारतों के विस्तार के लिए मंजूरी की जरूरत नहीं होगी ।

बायोमास आधारित तापीय बिजली संयंत्र के ज्यादा  थ्रेशहोल्ड क्षमता वाले प्लांट को भी छूट दी गई है।

  उन पोट्र्स और बंदरगाह पर की क्षमता बढ़ाई गई जो केवल मछलियों के कारोबार के लिए बने हैं ।

सरकार का तर्क

सरकार ने कहा कि समवर्ती राज्यों की रक्षा व रणनीतिक महत्व के हाईवे प्रोजेक्ट संवेदनशील है। इन्हें सुरक्षा के नजरिए से प्राथमिकता देनी होती है। इसीलिए पर्यावरणीय मंजूरी से अलग रखने का निर्णय लिया गया है ।

क्यों हुआ था इसका

पर्यावरण विशेषज्ञों ने अप्रैल में ड्राफ्ट का विरोध किया था । उनका कहना है कि यह हिमालय के इस क्षेत्र का पर्यावरण बेहद संवेदनशील और तत्काल नष्ट होने वाले हैं  । उत्तराखंड के पर्यावरण संगठन सिटीजंस फॉर ग्रीन दून ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी ।

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