रक्षा मंत्रालय ने लगाई 351 रक्षा उपकर्णो के आयात पर प्रतिबंध
आयात पर प्रतिबंध: रक्षा मंत्रालय ने आत्मनिर्भरता और स्वदेशिकरण की ओर एक कदम बढ़ाया है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को 351 उप प्रणालियों और घटकों की नई सूची की घोषणा की, जिन्हे अगले साल दिसंबर से शुरू होनेवाली विभिन्न समय सीमा की तहत आयात की अनुमति नही दी जायेगी।
पिछले 16 महीनो में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई यह तीसरी ऐसी सूची है, जिसके तहत भारत को सैन्य अथियारों के विकाश और निर्माण का केंद्र बनाने के प्रयास किए जा रहे है। पीटीआई के रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने 2500 वस्तुओ की एक ऐसी सूची जारी की गई है, जिनके बारे में कहा गया है की वे पहले ही स्वदेशी हो चुकी है।
आयात पर प्रतिबंध
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि अगले तीन वर्षो में इन 351 आयातित (आयात होने वाले ) वस्तुओ का स्वदेशीकरण किया जायेगा। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा उप प्रणालियों/ सयोजनों/ घटकों की एक सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और सार्वजनिक छेत्र के रक्षा उपकरणों द्वारा आयात को कम करने के प्रयासों के तहत अधिसूचित किया गया है।
पीटीआई के अनुसार नई सूची पर अधिसूचना सोमवार को जारी की गई थी। मंत्रालय ने कहा कि सूची में उल्लेखित विभिन्न समानो को निर्धारित समय सीमा के अनुसार भारतीय उद्योग से ही खरीदा जा सकता है।
अधिसूचना के अनुसार वस्तुओ की पहली सूची के आयात पर प्रतिबंध अगले साल तक लागू होंगे, जबकि 89 घटकों की दूसरी सूची पर प्रतिबंध दिसंबर 2023 से लागू होंगे। 90 वस्तुओ की एक और सूची पर आयात प्रतिबंध दिसंबर 2024 से लागू होंगे।
रक्षा मंत्रालय द्वारा आयात पर प्रतिबंध वाले समानो में लेजर चेतावनी सेंसर, उच्च दबाव जांच वाल्व, जल निकासी का पता लगाने की प्रणाली, विभिन्न प्रकार की केबल, सॉकेट और वोल्टेज नियंत्रण ओस्किलेटर शामिल है। बता दे की पिछले साल अगस्त में मंत्रालयकी ओर से यह घोषणा की गई थी कि, भारत 2024 तक परिवहन विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरो, पारंपरिक पनडुब्बियो, क्रूज मिसाइलो और सोनार प्राणलियो जैसे 101 हथियारों और सैन्य प्लेटफॉर्मो का आयात बंद कर देगा।
भारत दुनियाभर में हथियारों के सबसे बड़े आयातको में से एक है, और सरकार अब आयातित सैन्य प्लेटफॉर्मो पर निर्भरता कम करना चाटी है। यही कारण है की सरकार ने घरेलू रक्षा निर्माण का समर्थन कर रही है। रक्षा मंत्रालय ने अगले पांच वर्ष में रक्षा निर्माण में 25 अरब डॉलर यानी 1.75 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का लक्ष्य रखा है, जिसमे पांच अरब डॉलर (35,000करोड़ रुपए) के सैन्य हार्डवेयर के निर्यात का लक्ष्य को रखा गया है।
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