कहीं तीसरी लहर को आमंत्रण तो नहीं दे रहें हम
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का प्रभाव अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुए था कि नए वेरिएंट ओमीक्रोन के आगमन ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है। 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि वहां पर कोरोनावायरस वैरिएंट पाया गया है जिसका 30 से ज्यादा बार म्यूटेशन हुआ है। अब तक के सभी दूसरे वैरिएंट की अपेक्षा अधिक प्रभावित तथा तेजी से फैलने वाला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमीक्रोन को “वैरिएंट ऑफ कसर्न”माना है।

ओमिक्रोन अब तक 40 देशों में फैल चुका है यह डेल्टा से 10 गुना तक ज्यादा तेजी से फैलता है। नए वेरिएंट के संक्रमण के बीच कोरोनावायरस की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। 17अक्टूबर 2021 तक संक्रमितों की संख्या 4लाख9हजार थी जो 5 दिसंबर 2021 तक 6लाख21हजार तक पहुंच गई है। लगातार बढ़ रहे हैं आंकड़े अत्यंत ही चिंताजनक हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीनोलाॅजिस्ट सारा गिलबर्ट ने विश्व को आगाह किया है कि अभी हमें अगले कई वर्षों तक कोरोना के घातक वायरस हमले के लिए तैयार रहना होगा। आने वाले अगले कुछ वर्षों में इससे भी अधिक प्रभाव वाले वेरिएंट आ सकते हैं। गिल्बर्ट के अनुसार ओमीक्रोन पर वैक्सीन का प्रभाव कम हो सकता है। पिछले 2 वर्षों में कोरोनावायरस के कारण विश्व को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इसका मतलब यह है कि महामारी की तैयारी के लिए अभी भी कोई फंडिंग नहीं है।
भारत में ओमीक्रोन के आगमन ने देश के नागरिकों,केंद्र एवं राज्य सरकारों की नींद हराम किए हुई है। देश में जिस तरह से नए वैरिएंट से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है उससे लगभग तीसरी लहर आना तय है। आईआईटी,कानपुर एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) के ताजा स्टडी के अनुसार-अगर समय रहते जरूरी एहतियात और उपाय नहीं किया गया तो देश को तीसरी लहर का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।याद रहे कि यह दूसरी लहर से भी अधिक खतरनाक होगा। आईआईटी कानपुर ने भी तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है। उसके द्वारा जारी किए गए एक बयान में आगाह किया गया है कि यह डेल्टा से भी अधिक तीव्र गति से फैलेगा।
देश में जनवरी तक यह अपने चरम पर होगा उसके बाद धीरे-धीरे इसके केस कम होने लगेंगे।सोमवार को राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह की कोविड-19 पर बैठक के बाद आईएमए ने कहा कि सरकार फ्रंटलाइन वर्कर्स और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों के लिए जल्द ही बूस्टर डोज की घोषणा करे। एनटीएजीआई ने कहा कि ओमीक्रोन के असर को कम करने के लिए बच्चों का वैक्सीनेशन कराना बहुत जरूरी है।
बता दें कि देश में विदेशों से आने वाले यात्रियों की जांच करना ही बहुत मुश्किल बना हुआ है। संक्रमित या प्रभावित देशों से आने वाले कई लोग लापता है जिनका अभी तक कोविड-19 जांच नहीं किया गया है। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में 318 लोग विदेश यात्रा से आए जिनमें से 12 लापता हैं। ऐसी ही बेंगलुरु के 57 लोगों में से 10 लोग, छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी 180 लोगों में से 44 लोग और उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में 1 से 5 दिसंबर के बीच में कुल 38 लोग विदेश से आए हैं जिनमें 14 लोगों की खोजबीन जारी है।
जब ओमीक्रोन का खतरा देश पर मंडरा रहा है उस वक्त संदिग्ध संक्रमित देशों से आने वाले लोगों की ऐसी लापरवाही पूरे देश के लिए भारी पड़ सकती है। प्रभावित देशों से यात्रा कर लौटने वाले यात्रियों का इस तरह बड़ी संख्या में गायब होना किसी खतरे से खाली नहीं है। देश में दूसरी लहर ने किस तरह से मृत्यु तांडव मचाया था उसे देखते हुए ओमीक्रोन से बचाव के लिए हमारी एक लापरवाही संपूर्ण देशवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर के आने की चेतावनी के बावजूद लोगों की ऐसी लापरवाही समझ से परे है। दूसरी लहर ने देश के लगभग हर परिवार के लिए साक्षात् काल बनकर अपने विभीषिका से परिचय कराया इसके बाद भी हम बिल्कुल बेफिक्र और लापरवाह हैं। लोगों द्वारा ना मास्क और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन किया जा रहा है। भीड़भाड़ वाले इलाके में भी कोविड-19 प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाती भीड़ कहीं ना कहीं तीसरी लहर को आमंत्रण ही दे रही है। अगर देश को तीसरी लहर की भयावह स्थिति से बचाना है तो हमें और अधिक सतर्क ,सावधान तथा “2 गज की दूरी मास्क है जरूरी” मंत्र का पालन करना ही होगा।
याद रखिए हमारी एक लापरवाही हमारे पूरे परिवार के लिए मुसीबत बन सकती है। स्वयं के लिए ना सही लेकिन अपने परिवार,अपने देश के लिए एहतियात बरतें,बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें और भीड़भाड़ वाले इलाके में मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करें। देश हित में आपका दिया हुआ एक छोटा सा योगदान कई परिवारों के लिए लाभकारी होगा।
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