‘मोदी बहोत काम कर रहे हैं’ क्या है वेबसाइट का सच ?

मोदी बहोत काम कर रहे हैं,क्या है वेबसाइट का सच ?

भारत में कोरोना बेकाबू हो चुका है,मोदी बहोत काम कर रहे हैं, ऐसा सिर्फ हम नहीं, पूरी दुनिया कह रही है. ‘न्यू यॉर्क टाइम्स’ ने दिल्ली की एक तस्वीर छापी. श्मशान में जलती चिताओं की. साथ में लिखा, ‘भारत में कोविड 19 के बढ़ते कहर के बीच मौतों की गिनती में बेइमानी’. ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने अपने संपादकीय में सीधे-सीधे नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताया।

लिखा, ‘डोनाल्ड ट्रम्प की तरह मोदी ने भी महामारी बढ़ने के बावजूद चुनावी रैलियों में हिस्सा लेना नहीं छोड़ा. भारत में पांच राज्यों में चुनाव हुए और मोदी बिना मास्क के रैलियां करते रहे.’ ऑस्ट्रेलिया के अखबार ‘द ऑस्ट्रेलियन’ ने लिखा कि मोदी की वजह से भारत कयामत की स्थिति में पहुंच गया है. भारतीय सरकार से जवाबदारी लेते हुए कुछ ऐसा ही ‘गल्फ न्यूज़’, ‘टाइम मैगजीन’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने भी लिखा.

विदेशी मीडिया की ऐसी कवरेज से देश की जनता दो पक्षों में बंटी दिखी. कुछ कहते दिखे कि सरकार की जवाबदारी तय होनी चाहिए. तो ‘आंतरिक मामले’ को सपोर्ट करने वाले दूसरे पक्ष ने कहा कि इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है. इसी बीच 11 मई को एक और न्यूज़ आर्टिकल ट्विटर पर शेयर किया जाने लगा. लेकिन यहां मोदी सरकार की आलोचना नहीं हो रही थी।

बल्कि, तारीफ की गई, कि वो कितने मेहनतकश हैं. ये किसी को नहीं दिखता. बस ऑक्सीजन और दवाइयों की किल्लत का टोकरा उनके सिर रख दिया गया है. आर्टिकल था ‘द डेली गार्डियन’ से. इसका ब्रिटिश अखबार से ‘द गार्डियन’ से कोई वास्ता नहीं.

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बीजेपी से जुड़े 9 नामों ने ये न्यूज़ स्टोरी शेयर की. फोटो – ट्विटर

बीजेपी से जुड़े कई बड़े नामों ने इस न्यूज़ आर्टिकल को शेयर किया. यूनियन मिनिस्टर अनुराग ठाकुर, किरण रिजिजू, डॉ. जितेंद्र सिंह, प्रल्हाद जोशी, रघुबर दास भी शेयर करने वालों की लिस्ट में शामिल थे।

यहां तक कि बीजेपी आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने भी इसे अपनी टाइमलाइन पर शेयर किया. साथ में लिखा कि मौत बड़ी खबर है, लेकिन रिकवरी नहीं. दावा किया कि 85 प्रतिशत लोग बिना हॉस्पिटल में एडमिट हुए ठीक हो गए, इतनी जगह शेयर होने के बाद लोग ‘द डेली गार्डियन’ की उत्पत्ति जानने को इच्छुक थे, जो कोरोना महामारी में भी मोदी सरकार को डिफेंड कर रहा था, लोग वेबसाईट चेक करने लगे इस कदर कि ‘द डेली गार्डियन’ का पेज क्रैश कर दिया।

इसके ऑरिजिन पर सवाल करने लगे. एक ने लिखा,भारत में कोरोना बेकाबू हो चुका है. ऐसा सिर्फ हम नहीं, पूरी दुनिया कह रही है. ‘न्यू यॉर्क टाइम्स’ ने दिल्ली की एक तस्वीर छापी श्मशान में जलती चिताओं की. साथ में लिखा, ‘भारत में कोविड 19 के बढ़ते कहर के बीच मौतों की गिनती में बेइमानी’. ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने अपने संपादकीय में सीधे-सीधे नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार बताया

लिखा, ‘डोनाल्ड ट्रम्प की तरह मोदी ने भी महामारी बढ़ने के बावजूद चुनावी रैलियों में हिस्सा लेना नहीं छोड़ा. भारत में पांच राज्यों में चुनाव हुए और मोदी बिना मास्क के रैलियां करते रहे.’ ऑस्ट्रेलिया के अखबार ‘द ऑस्ट्रेलियन’ ने लिखा कि मोदी की वजह से भारत कयामत की स्थिति में पहुंच गया है. भारतीय सरकार से जवाबदारी लेते हुए कुछ ऐसा ही ‘गल्फ न्यूज़’, ‘टाइम मैगजीन’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने भी लिखा

द डेली गार्डियन क्या है मालवीय जी. कहां का पेपर है. खुलता ही नहीं.

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