नेताजी के निधन से देश में शोक की लहर तीन दिन का राजकीय शोक, राजकीय सम्मान से होंगी पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की अंतिम विदाई
लखनऊ : लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे समाजवादी पार्टी के संरक्षक उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपनी अंतिम सांस ली । नेता जी बीते 50 दिनों से गुरुग्राम के महंता अस्पताल में भर्ती थे । सोमवार को अखिलेश यादव ने उनके देहांत की जानकारी दी । तब से अस्पताल में पक्ष विपक्ष के नेता धरतीपुत्र के अंतिम दर्शन के लिए पंहुच रहे हैं ।
नेता के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सैफई में कल 3 बजे किया जाना है । जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शिरकत करेंगे।
जमीन से जुड़े नेता धरतीपुत्र मुलायम सिंह यादव के मृत्यु पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्वीट कर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की अंतिम यात्रा पूरे राजकीय सम्मान के साथ निकाली जाएगी ।
नेता जी के जीवन की झांकी
नेताजी धरतीपुत्र के नाम से पहचानें जानें वाले देश दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन हो गया। देश की राजनीति में अमूल्य योगदान देने के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा ।
22 नवंबर 1939 में उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के सैफई जन्म में मुलायम सिंह पेशे से पहलवान थे । 15 वर्ष की उम्र में यह राजनीति से जुड़ गए । आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की। इनका राजनीतिक जीवन समाजवादी राजनीतिज्ञ राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित था।
1967 में पहली बार मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत मिली । 1974 में नेता जी फिर से विधायक बने लेकिन 1975 इंदिरा गांधी सरकार के राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा के बाद अन्य विपक्षी नेताओं के साथ है मुलायम सिंह को भी 19 महीनों के लिए जेल में बंद कर दिया गया ।
तीन बार उत्तर प्रदेश की कमान संभाली
मुलायम सिंह तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे ।1989 में भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से पहली बार उत्तर प्रदेश की गद्दी पर बैठे । 1990 में बाबरी मस्जिद कांड के समय दक्षिणपंथी हिन्दुओं पर गोलियां चलाने के कारण भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया और 1991 में मुलायम सिंह की सरकार गिर गयी ।
उस समय नेता जी ने कहा था हमने संविधान की रक्षा के लिए गोलियां चलाई थी।
समाजवादी पार्टी की स्थापना
जनता दल से अलग होकर 2 अक्टूबर सन 1992 में मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी के स्थापना की। जिसे पार्टी को पिछड़ी जाति और मुस्लिम समुदाय व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ । सपा उत्तर प्रदेश की राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है ।
1993 में गठबंधन की सरकार में मुलायम सिंह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने । इसबार 2 वर्ष का कार्यकाल रहा ।1995 में बहुजन समाजवादी पार्टी और भाजपा ने मिलकर कर सरकार बना ली । यही से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा बसपा प्रतिद्वंद का दौरा शुरू हुआ ।
1996 के लोकसभा चुनाव के बाद मुलायम सिंह यादव 1996 से 1998 तक भारत के रक्षा मंत्री रहे ।
2003 में सर मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सपा की सरकार बनी । 2003 से 2007 तक मुलायम सिंह तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे । 2009 में पहली बार सपा ने बहुमत से सरकार बनाई इस बार मुख्यमंत्री की कमान मुलायम सिंह ने अपने बेटे अखिलेश यादव को सौप दी ।
शोक संवेदनाएं
मुलायम सिंह के ऐसे नेता थे जिनकी मौत के पक्ष विपक्ष सब भावुक हैं ।
पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया। तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बार बातचीत हुई। हम दोनों के बीच घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक रहता था । उनका निधन मुझे पीड़ा देता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुखदायी है। उनके निधन से समाजवाद के एक प्रमुख स्तंभ एवं एक संघर्षशील युग का अंत हुआ है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना व शोकाकुल परिवार एवं समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ।”
मायावती ने ट्वीट कर लिखा “समाजवादी पार्टी के व्योवृद्ध नेता व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी के आज निधन हो जाने की ख़बर अति-दुःखद। उनके परिवार व सभी शुभचिन्तकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना। कुदरत उन सबको इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे “
राहुल गाँधी का ट्वीट आया “श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन एक बेहद दुःखद समाचार है। वो ज़मीनी राजनीति से जुड़े एक सच्चे योद्धा थे। मैं श्री अखिलेश यादव समेत सभी शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”