अमर जवान ज्योति का हुआ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय
नई दिल्ली : 50 सालों से इंडिया गेट पर प्रज्वलित अमर जवान ज्योति का आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ज्योति में विलय हो गया । आज शाम पूरे सैनिक सम्मान के साथ के एकीकृत रक्षा अधिकारी एयर मार्शल बलभद्र राधाकृष्ण के हाथों लौ को युद्ध स्मारक में शिफ्ट किया गया ।
वीरों की इस निशानी को इंडिया गेट से युद्ध स्मारक में स्थानांतरित करने पर अब सियासत तेज हो चुकी । इसकी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जनवरी को अमर जवान ज्योति के पूर्वत स्थान पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति लगवाने की घोषणा कर दी ।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा है, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में, इंडिया गेट पर ग्रेनाइट की बनी उनकी भव्य मूर्ति प्रतिष्ठित की जाएगी। ये प्रयास उनके लिए भारत की कृतज्ञता का एक प्रतीक होगा । “
दूसरे ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा जब तक उनकी मूर्ति का कार्य पूरा नहीं हो जाता है ।तब तक वहां पर होमोग्राम से बनी मूर्ति स्थापित की जाएगी स्थापित की जाएगी । जिसका अनावरण 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर होगा ।
क्या युद्ध स्मारक ही है ,अमर जवान ज्योति का उचित स्थान ।
इंडिया गेट के नीचे 1972 से अमर जवान ज्योति की लौ प्रज्वलित है । इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने प्रज्वलित किया था । ये ज्योति उन अमर जवानों के सम्मान में जलाई गई थी । जिन्होंने 1971 के जंग में अपने जान पर खेल कर बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद करा के भारत को जीत दिलायी थी ।
ये ज्योति जिस स्थान पर थी । उससे मात्र 400 मीटर के दूरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शहीदों के सम्मान में 2019 में एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की अमर शहीदों को समर्पित किया । जिसमें देश के लिए अपने जान की कुर्बानी देने वाले लगभग सभी 2600 शहीदों के नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखे गए हैं ।
तत्कालीन सरकार को ऐसा लगता है शहीदों के सम्मान में प्रज्वलित इस ज्योति का विलय भी युद्ध स्मारक की ज्योति में स्थायी तौर पर कर दिया जाए । सभी शहीदों को एक साथ सम्मान दिया जा सके ।
लेकिन विपक्ष ने सरकार के इस कार्य को साजिश करार दे दिया है ।
राहुल गाँधी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार में आने के बाद हम ज्योति को फिर से जलायेगे ।
राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा- “बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते। कोई बात नहीं…हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!”
इस पर केंद्र सरकार के शहरी राज्य विकास मंत्री कौशल किशोर ने समाचार एजेंसी एनएनआई से फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि “इंडिया गेट पर जो अमर जवान ज्योति चलती थी ।वह अब वहाँ (राष्ट्रीय समर स्मारक) जहां देश तमाम लोग चाहे, वह आजादी के आंदोलन हो या देश की सुरक्षा के लिए किया गया युद्ध हो , उनके नाम अंकित है , वहां जब ज्योति जलेगी और देश के लोग आएंगे और उन लोगों के नाम पढ़ेगें तब राष्ट्रीय भावना जागृत होगी , मैं समझता हूंँ, यह एक उचित कदम है ।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने पार्टी की ओर से पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि “अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है ।इसे राष्ट्रीय समर ज्योति में मिलाया जा रहा है। यह बात अटपटी थी कि अमर जवान ज्योति 1971 और दूसरे युद्ध के वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए लगी थी । मगर उसने किसी का नाम वह नहीं लिखा था । “