भारत में बनी कोरोना की दवा, ट्रायल के बाद मिली पूर्ण इस्तेमाल की अनुमति,
कोरोना की दवा, देश में कोरोना तेजी से अपना पैर पसार रहा है। वही देश की सभी दवा कंपनियां इसका तोड़ निकालने में लगी है। रक्षा अनुसंधान एवं संगठन (डीआरडीओ)के नाभिकीय औषधि तथा संबंध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस)ने डॉ रेड्डीज लैब के सहयोग से कोरोना की 2–डीऑक्सी—डी–ग्लूकोज(2–डीजी ) नामक एक दवा को विकसित किया है। जिसे भारत की औषधि महानिरीक्षक(डीसीजीआई) ने इमरजेंसी यूज प्रोटोकॉल के तहत मंजूरी दे दी गई है।
सफलतापूर्ण ट्रायल के बाद मिली मंजूरी ,
यह दवा पूरी तरह से भारत में बनी दवा है। वैसे तो भारत में कोरोना के इलाज के लिए फ्लेवीपिरावीर, रेमाडेसिविर समेत कई दवाओ का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन इन सभी को परीक्षण के तौर पर मंजूरी दी गई है। जबकि इस दवा (2–डीजी) को परीक्षण के तौर पर ही नही बल्कि तीन चरणों के ट्रायल के नतीजे को देखने के बाद पूर्ण इस्तेमाल की अनुमति दे दी है। इसके पहले चरण का ट्रायल 20 मई 2020 में शुरू हुई बेहतर परिणाम के बाद अक्टूबर 2020 में दूसरा चरण व नवंबर 2020 से 2021 तक आखिरी चरण समाप्त हुई।
कैसे काम करेगा यह दवा ,
यह दवा एक पाउडर के रूप में है, जिसको पानी में घोल कर इस्तेमाल किया जाएगा। शरीर के संक्रमित कोसिकाओ तक पहुंच कर वायरस के ग्रोथ को रोक देता है। इससे शरीर में कोरोना के लक्षण जल्द ही खत्म हो जाते है। मरीज की ऑक्सीजन पर निर्भरता अन्य तरीकों के मुकाबले में जल्दी काम होती है।
जेनेरिक साल्ट के वजह से देश में इसका उत्पादन भी आसानी से हो सकता है।किसी मरीज को इसकी कितनी डोज देनी है , यह तो डॉक्टर ही बता पाएंगे। आप को बता दू की यह दवा अगले सप्ताह तक बाजार में आ सकती है। इस दवा की एक डोज की कीमत 500– 600 के करीब हो सकती है।