प्रथम नागरिक के तौर पर रामनाथ कोविंद देश के नाम का आखरी संबोधन
नई दिल्ली : अपने 5 साल के कार्यकाल के आखिरी दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित करते हुए कहा देश में अब संसाधनों की कमी नहीं है। सभी के पास रहने के लिए आवास , पीने के लिए स्वच्छ जल और बिजली हो इस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपने क्षमताओं का उपयोग कर अपने नियति निमार्ण करें ।
उन्होंने बताया कि जिसके लिए शिक्षा वह स्वास्थ सुविधाएं अनिवार्य रूप से आवश्यक है । नई शिक्षा नीति हमें अपने देश से जोड़ने में सहायक है । कोरोना महमारी के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं के दिशा में सरकार द्वारा तेजी से सुधार किया जा रहा है । इन सब का लाभ लेते हुए । भारत 21वी सदी को भारत की सदी बनाने की दिशा में सक्षम हो रहा है ।
सामाजिक लोकतंत्र की आवश्यकता पर चर्चा
राष्ट्रपति द्वारा अपने आखिरी जनसंबोधन के समय भारत की आजादी में योगदान देने वाले को नायकों के याद किया गया । संविधान सभा के आखिरी दिन भीमराव अंबेडकर के वक्तव्य “हमें अपने राजनीतिक लोकतंत्र को एक सामाजिक लोकतंत्र भी बनाना चाहिए । राजनीतिक लोकतंत्र अधिक नहीं चल सकता यदि व सामाजिक लोकतंत्र पर आधारित ना हो ।” की एक पंक्ति को याद दिलाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमें सामाजिक लोकतंत्र के आधार स्वतंत्रता ,समानता और बंधुत्व को अपने जीवन में उतारना चाहिए ।
रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपना 5 साल का कार्यकाल होने के अवसर पर आखरी बार देश को संबोधित किया । सोमवार को द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी । द्रौपदी मुर्मू भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति, दूसरी महिला राष्ट्रपति , स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति , अभी तक की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति और ओडिशा से आने वाली पहली राष्ट्रपति होंगी ।
एक नजर रामनाथ कोविंद के जीवन पर
रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई 2017 दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सर्वोच्च पद के 14वे अध्यक्ष के रूप में शपथ ली । इससे पहले यह बिहार के राज्यपाल थे । रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर सन 1945 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के परौख गांव में हुआ था । एक अति साधारण परिवार से देश के प्रथम नागरिक बनने के लिए उन्होंने लम्बा सफर तय किया । इन्होंने जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष अदालत फिर संसद तक सभी क्षेत्रों में अपना योगदान दिया ।
रामनाथ कोविंद देश के दूसरे दलित जाति से वाले राष्ट्रपति है । भारत के राष्ट्रपति के तौर पर 6 देशों मेडागास्कर, इक्वेटोरियल गिनी, इस्वातिनी, क्रोएशिया और बोलीविया से इन्हें सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ । एपीजे अब्दुल कलाम के बाद रामनाथ कोविंद दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध स्थल सियाचिन का दौरा का करने वाले दूसरे राष्ट्रपति है ।