नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जाने-माने रॉकेट वैज्ञानिक एस सोमनाथ को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नया अध्यक्ष बनाया । सोमनाथ अंतरिक्ष विभाग के सचिव व अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष भी होंगे ।
पारंपरिक रूप से यह पद एक ही व्यक्ति को सौंपें जाते हैं । एस सोमनाथ इन पदों पर 3 साल रहेंगे । इससे वह पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निर्देशक थे । 14 जनवरी को उन्हें इसरो का अध्यक्ष बनाया गया ।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष के सिवन का कार्यकाल में 2020 में 14 जनवरी 2022 तक के लिए सेवावृद्धि की गई थी । रॉकेट मैन के नाम से प्रसिद्ध के सिवन 2018 में इसरो के अध्यक्ष बने थे ।
महत्वपूर्ण मिशनो को किया है निर्देशित : एस सोमनाथ
इसरो के अध्यक्ष बनने से पहले एस सोमनाथ 2018 से विक्रम भाई अंतरिक्ष केंद्र के निर्देशक थे । इन्होंने बहुत से महत्वपूर्ण मिशनो में निर्देशक की भूमिका निभाई है ।
1985 में ये वीएसएससी में शामिल हुए । यह जून 2010 से 2014 तक जीएसएलवी-एमके- 3 परियोजना के निर्देशक थे ।
यह 2014 से वीएसएससी ‘स्ट्रक्चर ‘इकाई के उप निर्देशक और वीएसएससी ‘प्रणोदन अंतरिक्ष अध्यादेश’ इकाई के उप निर्देशक रह चुके हैं ।
स्वदेशी क्रायोजेनिक चरणों मिशन के साथ जीएसएलवी के तीन सफल मिशन और एलपीएससी द्वारा महसूस किए गए तरल चरणों के साथ पीएसएलवी के 11 सफल मिशनो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।एलपीएससी से आपूर्ति की गई प्रणोदन के साथ पन्द्रह उपग्रह मिशन भी सफलतापूर्वक पूरे किए हैं ।
सोमनाथ को लॉन्च व्हीकल स्ट्रक्चर सिस्टम, स्ट्रक्चरल डायनॉमिक्स , मैकेनिज्म, पायरो सिस्टम , ऑल लॉन्च व्हीकल इंटीग्रेशन में महारत हासिल है । इन्होंने यांत्रिक एकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है , इनके तपस्या के कारण ही आज पीएसएलवी सूक्ष्म उपग्रहों के लिए दुनिया के महंगे लॉन्चर में से एक बन चुकी है ।