ज्ञानवापी विवाद : फैसला आते ही बाबामय हुई काशी, कोर्ट में लगे ‘हर हर महादेव’ के नारे

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष में आया फैसला मुस्लिम पक्ष याचिका खारिज

वाराणसी। ज्ञानवापी विवाद में जैसे ही जज ने अपना फैसला सुनाया, कोर्ट परिसर में मौजूद वकीलों ने हर हर महादेव के नारे लगाए। महिलाएं जिन्होंने ये याचिका दर्ज की थी वे खुशी से झूम उठी। उधर मुस्लिम पक्ष ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि वे जिला अदालत के फैसले के खिलाफ हैं और वे हाईकोर्ट जायेंगे।

सोमवार का दिन काशीवासियों के लिए बेहद खास रहा। ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों के संरक्षण पर वाराणसी कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्‍ण विश्‍वेश की अदालत ने इस याचिका पर आगे भी सुनवाई करने का फैसला लिया है।

जज का फैसला आते ही कोर्ट परिसर हर हर महादेव के जयकारे से गूंज उठा। वकीलों ने भी जमकर नारे लगाए। आज दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।

कोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्ष नाराज

जिला न्यायालय के इस फैसले से मुस्लिम पक्ष काफी नाराज़ रहा। उन्होंने जिला आदलत से नाराज़गी जताई तथा हाई कोर्ट में जाने को कहा। मुस्लिम पक्ष के वाक़िल ने कहा की यह फैसला न्यायोचित नहीं है। हम फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। जज का यह फैसला संसद के कानून के अनुरूप है। ऊपरी अदालत के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं। उन्‍होंने कहा कि न्यायपालिका आपकी है। आप संसद के नियम को नही मानेंगे, सब लोग बिक गए हैं।

जिला जज डॉ. अजय कृष्‍ण विश्‍वेश की अदालत मेंटेनेबिलिटी यानी पोषणीयता पर फैसला सुनाते हुए यह साफ साफ कर दिया कि श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद केस में आगे सुनवाई होगी। कोर्ट को आज यही फैसला करना था कि यह याचिका सुनने योग्य है या फिर नहीं। वहीं मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी गई है।

क्या है रूल 7 और नंबर 11

आपको बता दे की यह फैसला ऑर्डर 7 रूल नंबर 11 के आधार पर दिया गया। इसको यदि आसान भाषा में समझाया जाए, तो इसके तहत कोर्ट किसी केस में तथ्यों की मेरिट पर विचार करने के बजाए सबसे पहले यह तय करता है कि क्या ये याचिका सुनवाई करने लायक है भी या नहीं। रूल 7 के तहत कई वजह है, जिनके आधार पर कोर्ट शुरुआत में ही याचिका को खारिज कर देता है। सूत्रों के मुताबिक ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद का फैसला 15 से 17 पन्नों का है।

सुनवाई से पहले अलर्ट पर रही प्रशासन

कोर्ट के फैसले से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर पर सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद थी। विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती दिखी। इसके साथ ही सोमवार को वाराणसी में धारा 144 लागू कर दिया गया।

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