सरोगेसी विनियमन विधेयक 2021 को संसद से मिली मंजूरी
Surrogate mother :17 दिसंबर 2021 को संसद द्वारा सरोगेसी विनिमयन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी गई तथा इस पर राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है। इस कानून के बन जाने के बाद अब देश में Commercial Surrogate mother पर पूरी तरह से रोक लग सकती है। नए कानून के मुताबिक अब कोई भी विदेशी,नॉनरेजिडेंट इंडियन,पर्सन्स ऑफ इंडियन ओरिएंट,ओवरसीज सिटिजन ऑफ़ इंडिया भारत में सरोगेसी के लिए अधिकृत नहीं है। हिंदुस्तान में जिस तरह से सरोगेसी द्वारा माता-पिता बनने का चलन बढ़ा है यह एक व्यापार का रूप ले लिया है।
सरोगेसी से बच्चे की चाह रखने वाले दंपति के लिए क्या कहता है नया कानून
जिस तरह से Surrogate mother का व्यापार भारत में फैल रहा है उसके रोकथाम के लिए अब एक नए कानून को राज्यसभा में पारित किया गया। लोकसभा में इस विधेयक को पारित किया जा चुका है। इस कानून के तहत पति या पत्नी में से कोई एक या दोनों ही इन फर्टाइल की समस्या से जूझ रहे हो वही टेस्ट ट्यूब बेबी के हकदार हैं । उन दंपति को भी छूट है जिनका पहला बच्चा किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो या दिव्यांग हो।
सेरोगेट पैरंट्स बनने की चाह रखने वाले दंपति की शादी को लगभग 5 साल हो जाने चाहिए। नए कानून के तहत Surrogate mother से बच्चा लेने के लिए कोर्ट से कस्टडी ऑर्डर भी लेना जरूरी है। पति की उम्र 26-55 साल तथा पत्नी की उम्र 25-50 साल होनी चाहिए।
किराए की मां बनने के लिए कानूनी प्रावधान
भारत में कई महिलाएं इसे अपना व्यवसाय समझ लेती हैं और कई बार इस तरीके से Surrogate mother बनती है,जो इनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर करता है। इस व्यवसाय को खत्म करने के लिए नए कानूनी तौर पर कोई महिला सिर्फ एक बार ही Surrogate mother बन सकती है। मां बनने वाली महिला उस दंपति की करीबी या कोई रिश्तेदार हो। उसकी उम्र 20 -35 साल के बीच में ही होनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद दंपति को उस महिला का पूरा ध्यान रखना होगा। वह मानसिक और शारीरिक तौर पर बिल्कुल स्वस्थ होनी चाहिए।
क्यों ज़रुरी है सरोगेसी के लिए सख्त कानून
यूं तो डॉक्टरों द्वारा इसका आविष्कार उस दंपति के पारिवारिक सुख के लिए था जो किसी कारणवश माता-पिता नहीं बन सकते थे। लेकिन जिस तरह देश में इसका दुरुपयोग किया जा रहा है इसके लिए एक सख्त कानून की महती आवश्यकता थी। आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान एवं उसके बाद किसी भी महिला को शारीरिक तौर पर कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है।
भारत में ऐसी कोई महिला है जो ऐसी समस्याओं को खास तौर पर अपनी शारीरिक बनावट में किसी भी तरह की कमी नहीं देखना चाहती हैं उनके लिए सरोगेसी एक जरिया बन गया है। खास तौर पर हाई प्रोफाइल सोसायटी में रहने वाली औरतें इसका सर्वाधिक प्रयोग करती हैं। जो महिलाएं आर्थिक तौर पर बहुत पिछड़ी हैं उन्हें Surrogate mother बनने पर अच्छी खासी रकम मिल जाती है। इस तरह कि महिलाएं सबसे ज्यादा सरोगेसी द्वारा बच्चे पैदा करने के लिए तैयार हो जाती हैं जिससे ना सिर्फ उन्हें शारीरिक तौर पर बल्कि मानसिक तौर पर भी कई तरह की समस्याएं होती है।
देश में सख्त कानून बन जाने एवं लागू होने के बाद कहीं हद तक इस तरह के व्यवसाय को रोका जा सकता है। जो वर्तमान परिदृश्य में अत्यंत ही आवश्यक है।
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