बिहार की सियासत को मिली फिर लालटेन की रौशनी

नीतीश कुमार के इस्तीफे के साथ ही भाजपा का बिहार की सत्ता से पलायन

पटना : महाराष्ट्र के बाद अब बिहार में सियासी उथल पुथल शुरू हो गया । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में भाजपा से अपने सारे रिश्ते तो लिए है । मंगलवार को नीतीश ने राजग मुख्यमंत्री के तौर पर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौप दिया । साथ ही महागठबंधन के साथ मिल कर सरकार बनने का दावा पेश किया ।

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महागठबंधन ने नीतीश कुमार को अपना नेता चुना है । इस गठबंधन में आरजेडी समेत 6 दलीय और निर्दलीय विधायक मिलकर कुल 167 विधायक है ।
बिहार में 243 विधानसभा सीट है ऐसे में बहुमत से सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है ।

यहां वर्तमान में राजद के पास 79 ,भाजपा के पास 77 ,जेडीयू के पास 45 , कांग्रेस के 19 सीपीआई (एमएल )के पास 12 , हिन्दुतानी अवाम मोर्चा के पास  4 , और सीपीआई और सीपीआई (एम) के पास दो – दो सीटें हैं।

अभी तक आइजेडी बिहार में सबसे बड़ा विपक्ष था । अब वह सत्ता में आ रहा है । तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ने एक सांझा प्रेसकांफ्रेस कर इस बात की पुष्टि की कि एक बार फिर दोनों साथ खड़े हैं ।

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एएनई के अनुसार नीतीश ने कांग्रेस के अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी फ़ोन कर महागठबंधन के समर्थन करने और बिहार में सरकार बनाने पर आभार व्यक्त करने के लिए आमंत्रित किया है ।

  राष्ट्रीय जनता दल में अपने औपचारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर बुधवार को नीतीश कुमार के दोबारा  शपथ लेने की घोषणा की है । लिखा है ” माननीय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह कल दोपहर 2 बजे राजभवन में होगा ।

इससे सम्भावना है कि बुधवार को  नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार की गद्दी सम्भालेंगे ।

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